तो क्या रिहा होते ही साइकिल से उतरेंगे आज़म खान, सपा नेता बोले-वो हमारे हैं, हमारे ही रहेंगे

Bijnor: सपा के कद्दावर नेता वह पुर्व मंत्री आजम खां को 73 में से 72 मामलों में जमानत मिल गई हैं, बचे हुए एक और मामले में जल्द ही जमानत होने की संभावना जताई जा रही हैं जिसके बाद आजम खां जल्द जेल से रिहा हो सकते हैं, यही वजह है कि अब सभी सियासी पार्टियां उनसे नजदीकी बनाने की कोशिश कर रही हैं,

सीतापुर जेल में क़ैद पूर्व मंत्री आज़म ख़ान साहब से मिलने पहुंचे अखिलेश यादव की डेलिगेशन से आज़म ख़ान ने मिलने से इंकार कर दिया है। यह डेलिगेशन सपा सदर अखिलेश यादव के हुक्म पे सीतापुर जेल आज़म ख़ान साहब से मिलने पहुंचा था। तीन रोज़ पहले सीतापुर जेल में शिवपाल यादव से मुलाक़ात करने वाले आज़म ख़ान ने अखिलेश यादव (डेलिगेशन) से मिलने से इंकार क्यों कर दिया? मतलब साफ़ है कि आज़म ख़ान और अखिलेश यादव के दरमियान कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को लेकर पार्टी के अंदर युद्ध जारी है। आजम खान के समर्थकों के बाद कुछ मुस्लिम सांसदों ने आजम खान के पक्ष में सपा मुखिया अखिलेश यादव की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं,

इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा से सपा विधायक प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव के बाद एक और विधायक जेल में आजम खान का हालचाल लेने सीतापुर पहुंचे। राजधानी लखनऊ के मध्य विधानसभा से सपा विधायक पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा भीषण गर्मी में लगभग 11:30 बजे रविवार को सीतापुर जेल पहुंचे।

सीतापुर जेल में बंद आजम खान से रविवार को मुलाकात करने के लिए पहुंचे रविदास मेहरोत्रा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि हम लोगों को शंका है कि जेल में आजम खान की हत्या हो सकती है।भाजपा की साज़िश के तहत आजम खान पिछले लगभग 26 महीने से जेल में हैं और उन पर छोटे-छोटे मुकदमे लगाए गए हैं। भाजपा कभी भी उनकी जेल में हत्या करवा सकती है।

रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि लगता है भाजपा की सरकार ने प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या कर दी है।बीमार हालत में आजम खान पर पर जुल्म किया जा रहा है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार सपा के विधायक और नेताओं पर जुल्म करने का काम कर रही है। हम लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि आजम खान को जेल से रिहा किया जाए। सरकार ने उन पर फर्जी मुकदमे लगा रखे हैं। उन्होंने कहा कि सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर वह आज आजम खान से मिलने आए थे।

रविदास मेहरोत्रा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बरेली में सपा विधायक का पेट्रेाल पंप ध्वस्त किया गया शाहजहांपुर में पूर्व सपा विधायक का मकान गिरा दिया गया। भाजपा की सरकार प्रदेश में दमन और जुल्म और तानाशाही से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार मुख्य मुद्दों से ध्यान बांटने का काम कर रही है। भाजपा की सरकार चाहती है कि दमन, जुल्म और तानाशाही से जनता की आवाज को दबाया जाए। विपक्ष के नेताओं की आवाज दबाने का काम यह सरकार कर रही है।लगता है कि प्रदेश में अघोषित रूप से आपातकाल लगा है।

रविदास मेहरोत्रा ने आजम खान के नई पार्टी बनाने के सवाल पर कहा कि आजम खान हमेशा से सपा नेता रहे हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने जेल में रह कर सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। ऐसे में सपा से बाहर जाने की बात सिर्फ अफवाह है, ऐसा कुछ भी नहीं है।आजम खान सपा के साथ हमेशा रहे हैं और सपा भी हमेशा आजम खान की हितैषी रही है और आगे भी रहेगी।

पिछले दिनों ही सीतापुर जेल में बंद आजम ख़ान से मुलाक़ात के बाद शिवपाल यादव ने कहा था कि ‘इस समय विधानसभा में आजम खां से वरिष्ठ सदस्य कोई नहीं है वो लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं लेकिन समाजवादी पार्टी आजम भाई की मदद करती हुई या संघर्ष करती हुई नहीं दिख रही है’

वहीं शोशल एक्टिविस्ट शाहनवाज़ अंसारी ने आजम खान पर अपना पक्ष रखते हुए लिखा है कि सिवाए सपा भक्तों के हर कोई इस बात को समझता है कि जेल जाने के बाद सपा/अखिलेश यादव का आज़म ख़ान के साथ बेहतर सुलूक़ नहीं रहा है। अखिलेश यादव और उनकी पार्टी ने आज़म साहब को बार-बार नज़र अंदाज़ किया है। मीडिया के सामने अखिलेश अक्सर आज़म साहब का नाम लेने से बचता रहा है। लेकिन सपाई भक्त इस बात से इंकार करते रहे। यह सिर्फ़ एक डफ़ली बजाते रहे- ‘आज़म ख़ान के परिवार से ज़्यादह जानते हैं कि सपा आज़म ख़ान के साथ क्या कर रही है?’

शाहनवाज़ अंसारी ने आगे लिखा है कि भाई! सियासी मजबूरी भी कोई चीज़ होती है। अब तुम बताओ तुम क्या आज़म ख़ान से ज़्यादह जानते हो कि सपा ने उनके साथ क्या किया है? अगर सब कुछ ठीक है तो फिर आज़म ख़ान ने अखिलेश यादव की डेलिगेशन से मिलने से इंकार क्यों कर दिया? हो सके अखिलेश की भक्ति में तुम यह भी कह दो कि- ‘आज़म ख़ान सपा मुख़ालिफ़ हैं, अखिलेश यादव (टीपू) आज़म ख़ान के साथ खड़े हैं लेकिन आज़म ख़ान यह नहीं जानते हैं’ अज़ में भाई तुम लोग जवानी तो अखिलेश यादव पे क़ुर्बान कर चुके हो और बुढ़ापे में दिमाग़ काम करता नहीं। बचीखुची जवानी को संभाल लो ख़मीरा वग़ैरह खाओ ताकि ज़ेहन काम करे। बता दें कि शाहनवाज़ अंसारी का यह लेख खूब पसंद किया जा रहा है,

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