उत्तराखंड से बड़ी न्यूज़ जहाँ पूर्णागिरी जनशताब्दी एक्सप्रेस चार फाटक पार कर 24 किलोमीटर तक उल्टी दौड़ी, जिससे बड़ा हादसा होने से टला बता दें कि टनकपुर स्टेशन में बुधवार को पूर्णागिरि जन शताब्दी एक्सप्रेस अचानक उल्टी चलने लगी ये नजारा देख रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया मामला
दिल्ली से टनकपुर आ रही पूर्णागिरि जन शताब्दी एक्सप्रेस का हैं, सिग्नल नंबर तीन के पास ट्रेन अचानक विपरीत दिशा में चलने लगी। ट्रेन को उल्टा चलता देख यात्रियों में भी अफरा तफरी रही । ट्रेन खटीमा, बनबसा पार करके टनकपुर पहुंचने वाली थी, इसी बीच ट्रेन को लौटता देख आसपास के लोग भी हैरान हो गए। ट्रेन के हॉर्न नहीं देने पर लोगों को किसी अनहोनी की आशंका बनी हुई थी वहीं ट्रेन में बैठे यात्रियों में भी दहशत बनी रही ।
दरअसल, शाम को होम सिग्नल के पास एक पशु ट्रेन की चपेट में आकर कट गया। जिसकी जानकारी जैसे ही फाटक कर्मियो को हुई, आनन-फानन क्रॉसिंग गेटों को बंद करने के आदेश दिए गए। क्योंकि अगर फाटक खुले होते और लोगों की आवाजाही हो रही होती तो कई लोग ट्रेन की चपेट में आ सकते थे।
टनकपुर से जनशताब्दी एक्सप्रेस के वापस लौटने की घटना से टनकपुर से लेकर खटीमा तक अफरातफरी का माहौल रहा।टनकपुर, बनबसा से लेकर मेलाघाट रोड, लोहियाहेड रोड के फाटक तक बंद रहे और सभी जगह पर पुलिस तैनात रही। इस दौरान सभी फाटकों के पास खासा जाम लग गया। जाम में फंसे लोग भी ट्रेन में बैठे लोगों की सही सलामती की दुआ मांगते नजर आए।
इसके बाद ट्रेन रोकने की कोशिश में बनबसा में पत्थर लगाया गया, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी। बाद में खटीमा-चकरपुर के बीच गेट संख्या 35 के पास ट्रेन को किसी तरह रोका जा सका। सही समय पर ट्रेन रुक गई वरना बड़ा हादसा हो सकता था। सभी यात्री सुरक्षित व एक डब्बे में मिले।
इधर, स्टेशन अधीक्षक केडी कापड़ी ट्रेन के रुकते ही मौके पर पहुंचे। इस दौरान लोको पायलट मुबारक अली, सहचालक जितेंद्र कुमार, रेलवे के सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार मिश्रा, रेलवे टेक्नीशियन दिनेश कुमार, आरसी प्रसाद ने रुकी ट्रेन के प्रत्येक पहिए के आगे पत्थर और लकड़ी की गिट्टियों के साथ चेन लगाकर पुख्ता व्यवस्था की। स्टेशन अधीक्षक कापड़ी एवं रेलवे पुलिस ने ट्रेन में फंसे यात्रियों को उतारकर निजी व्यवस्था से उन्हें टनकपुर भेजा।
टेक्नीशियन दिनेश कुमार ने बताया कि गाय के टकराने से इंजन के आगे लगा ब्रेक का प्रेशर पाइप फटने से ट्रेन के ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया था। पीछे को ढलान होने की वजह से ट्रेन रुक नहीं पाई और पीछे की ओर दौड़ने लगी।
फिलहाल मामले की जांच के लिए रेलवे ने शुरु कर दी है। जांच के लिए तीन ए ग्रेड ऑफिसरों की टीम गठित की गई है। जांच में घटना के लिए दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई की जाएगी।
बता दें कि इसी साल पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस का संचालन 26 फरवरी से उत्तराखंड में सीमांत के लोगों के लिए शुरु हुआ था। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने टनकपुर स्टेशन से इस ट्रेन को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था
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रिपोर्ट : ब्यूरो चीफ़ बिजनौर एक्सप्रेस
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