नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित बिकरु गांव में नरसंहार को जन्म देने वाला विकास दुबे भले ही अपने कई साथियों के साथ भगवान को प्यारा हो गया हो लेकिन उसकी चर्चा नहीं बन्द हो रही है।हर नए दिन के साथ उसके नए नए राज सामने आ रहे हैं।जहां अब विकास दुबे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है।दुबे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट चौकाने वाली है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, विकास दुबे की मौत ज्यादा खून बहने के चलते हुई है।विकास दुबे के शरीर पर कुल 10 जख्म पाए गए हैं।इन जख्मों में से 6 जख्म आरपार हुईं गोलियों के हैं और बाकी के चार जख्म चोटों के हैं।दुबे के शरीर के दाहिने हिस्से में सिर, कोहनी, पसली और पेट में चोट के साथ हल्की सूजन पाई गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, पहली गोली विकास दुबे के दाहिने कंधे पर लगी और बाकी की गोलियां बाएं सीने में लगी पाई गई हैं।ये सारी गोलियां इंट्री-एग्जिट यानी आरपार हुई हैं और शरीर में 6 छेद किये हैं।
पास से गोली चली, ऐसा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं…
जिस हिसाब से चली गोलियां विकास दुबे के शरीर के आरपार हुई हैं उससे यह लगता है कि उसे शूट पास से किया गया है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसी कोई बात नहीं कही गई है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सामने नहीं आया है कि गोली पास से चलाई गई है या गोली कितनी दूरी से चलाई गई है।बता दें कि जिन संदिग्ध परिस्थितियों में विकास की मौत हुई है उस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं लोग इसे फेक एनकाउंटर बता रहे हैं।कई लोगों का कहना है कि पुलिस ने जानबूझकर विकास दुबे को शूट किया।यह सब प्लानिंग के तहत करा कराया है।जानकारी हो कि, एन्काउंटर में मारे गए विकास दुबे का पोस्टमार्टम से पहले कोरोना टेस्ट कराया गया था।विकास का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट…
क्या है पूरा मामला….
गौरतलब है कि, 2 जुलाई की रात उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में इस शातिर अपराधी विकास दुबे जो कि यहां का निवासी भी है को पुलिस की एक टीम पकड़ने गई थी।जहां इस शातिर अपराधी विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ पुलिस टीम पर एकदम से अनगिनत गोलियां बरसा दी थीं।अचानक हमला होने पर पुलिस वालों को संभलने का मौका नहीं मिल सका और इस तरह 8 पुलिस वाले शहीद हो गए थे।
इस घटना के बाद विकास दुबे अपने साथियों समेत तितर बितर तरीके से फरार हो गया था।वहीं, पुलिस का एक बड़ा दल इन सबको ढूढ़ने में लग गया था।जहां पुलिस ने घटना में शामिल विकास के साथियों को ढूढ़ निकाला था।इस दौरान विकास के इन साथियों ने भागने की कोशिश की थी और वह मारे गए थे।
इधर, घटना के करीब एक हफ्ते बाद घटना के मास्टरमाइंड विकास दुबे को भी उज्जैन से पकड़ लिया गया था।जहां यूपी एसटीएफ उसे उज्जैन से कानपुर ला रही थी।पुलिस के मुताबिक, कानपुर लाते वक्त एसटीएफ की वह गाड़ी पलट गई जिसमे दुबे को लाया जा रहा था।इस दौरान विकास ने मौके का फायदा उठाया और पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने लगा।पुलिसकर्मियों ने उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा, लेकिन विकास दुबे ने नहीं माना और फायरिंग शुरू कर दी।जहां अपनी आत्मरक्षा के लिए STF जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की जिसमे विकास दुबे मारा गया।
बतादें कि, हत्यारूपी कांडक्रम को रचने वाले शातिर अपराधी विकास दुबे और उसके गैंग के अधिकतर लोगों को ढेर कर चुकी पुलिस की गिरफ्त में गैंग के और लोग भी आ गए हैं और गैंग के कइयों को अभी ढूढ़ा जा रहा है।इसके साथ ही विकास ने जिसका जिसका विकास किया।मसलन, इसके संप्रकियों की पुलिस तलाश कर रही है।
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