ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादी को आसान बनाने और रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए और विशेष रूप से दहेज लेन-देन और बेटियों पर हो रहे ज़ुल्म को रोकने के लिए अभियान शुरू किया है।
बोर्ड के सचिव @MaulanaUmrain साहब इस अभियान की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के उलमा और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके अभियान शुरू किया है। अन्य राज्यों में काम कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगा इन्शा अल्लाह ।
इस अभियान में, यह भी तय किया गया है कि जिस शादी में दहेज के लिए जबरन लेन-देन होता है, उसमें उलमा और क़ाज़ी शामिल ना हों, यह कदम बेटियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
Muslim Provincial Law Board launched a campaign to stop various practices and dowry,
शादी को सरल और आसान बनाना बहुत ज़रूरी है। मुसलमानों को बड़े होटलों और महंगे वेडिंग हॉलों में विवाह समारोह नहीं करने चाहिए। इसी तरह, प्रचलित दहेज, बरात और अन्य अनुष्ठानों से बचें और अपने आप को और दूसरों को बचाएं, (1/2)
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) March 22, 2021
दरअसल पिछले दिनों गुजरात के अहमदाबाद में एक माम सामने आया था जो दुनियाभर में चर्चा का विषय बना, यही कारण है कि अब मुस्लिम प्रस्नल लाॅ बोर्ड भी इन मुद्दों पर आगे आया है,
आप को बता दें कि आयशा का निकाह साल 2018 में राजस्थान के जालौर में रहने वाले आरिफ खान से हुआ था। अहमदाबाद में रहने वाले आयशा के पिता लियाकत अली पेशे से टेलर हैं।
आयशा के पिता ने बताया कि शादी के बाद से ही उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा था। लियाकत अली ने यह भी बताया कि पैसे देने के बाद भी उनका लालच बढ़ता गया, कुछ महीने पहले आरिफ फिर से आयशा को अहमदाबाद छोड़ गया था।
आयशा का पति आरिफ उससे फोन पर बात तक नहीं करता था। कुछ दिनों पहले आयशा ने उसे आत्महत्या करने की धमकी दी थी, इस पर आरिफ ने जवाब दिया कि मरना है तो जाके मर जाए। आयशा ने खुदकुशी करने से पहले अपने मां बाप से फोन पर आखिरी बार बात की थी जो काफी वायरल हुई थी,
Report by Bijnor express