🔹शांतिप्रिय मुस्लिम स्काॅलर के रूप में होती थी मौलाना वहीदुद्दीन की पहचान,
New Delhi: हिंदुस्तान की एक अज़ीम शख़्सियत मौलाना वहीदुद्दीन साहब आज इस दुनिया को अलविदा कह गये। दुनिया के 500 ताकतवर मुस्लिम शख्सियत में शुमार मौलाना को इसी साल ही पद्म विभूषण सम्मान मिला था, इससे पहले उन्हें राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्धभावना आवार्ड भी मिल चुका था। उन्होंने सैंकड़ों किताबें लिखीं। इस महान शख्सियत ने आज इस दुनिया को अलविदा कह दिया,
इस्लामिक स्कॉलर और जाने-माने लेखक वहीदुद्दीन खान का निधन हो गया. उन्हें ‘मौलाना’ के नाम से जाना जाता था. वहीदुद्दीन खान को कुरान को समकालीन अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए भी जाना जाता है.
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के बधरिया गांव में 1 जनवरी साल 1925 को पैदा हुए वहीदुद्दीन खान को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. पूर्व सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल के संरक्षण में उन्हें डेम्यर्जस पीस इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया.
इसके साथ ही, जनवरी 2000 में वहीदुद्दीन खान को भारत का तीसरा सर्वोच्च अवॉर्ड पद्म भूषण से उन्हें नवाजा गया. उसके बाद उन्हें मदर टेरेसा की तरफ से नेशनल सिटिजनस अवॉर्ड, और साल 2009 में राजीव गांधी नेशनल सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें जनवरी 2021 में भारत के दूसरे सर्वोच्च पुरस्कार पद्मविभूषण से भी नवाजा गया.
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