🔹एक यूवा पत्रकार ने वोटरों को जागरूक करने के उद्देश्य से लिखीं मन की बात,
Bijnor: ग्राम पंचायत चुनाव के वक़्त हमें किन किन बातों का खास ध्यान रखना है ? जानने के लिये इस पोस्ट को 4 से 5 मिनट्स का वक़्त देने का कष्ट करें।
अपनी समझ के मुताबिक़ कुछ बातें पॉइंट्स की शक्ल में मेंशन कर रहा हूं। ज़रा ध्यान दीजियेगा
● ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रधान पद का उम्मीदवार जिसे आप जी जान से सपोर्ट कर रहें हैं वो कितना शिक्षित है ? यहां शिक्षित होने का तात्पर्य उसकी बड़ी बड़ी डिग्रियों का होना बिल्कुल नही है बल्कि यहां मक़सद ये है कि उसकी सामाजिक समझ कैसी है? आपका केन्डिडेट किन-किन और कैसे लोगों के बीच बैठता है। याद रखिये आप जिसे प्रधान चुन रहे हैं वो मेन्टली स्मार्ट होना चाहिये चालाक नहीं। मेच्योरिटी लेवल हाई होना चाहिये। ज़रा-ज़रा सी बातों पर ओवर रिएक्ट ना करे आपको सुनने और समझने वाला होना चाहिये।
● चुनाव के वक़्त किसी भी व्यक्ति विशेष जिसको आप वोट करने जाएं ये ज़रूर ध्यान रखें कि आपका केन्डिडेट गुज़रे कल ( बीते कुछ दिन नहीं बल्कि सालों में ) इंसानियत के पैमाने पर कितना खरा उतरा है ? ये भी ध्यान रखिये कि आपके केन्डिडेट का रवैय्या उसके पड़ौस के लोगों के लिये कैसा है क्योंकि अगर वो पड़ौसी का नहीं तो फिर आपका घर तो कुछ फासले पर होगा आपका क्या खाक होगा।
● आपका उम्मीदवार ( प्रधान पद प्रत्याशी ) मगरूर या घमंडी बिल्कुल नही होना चाहिये। पोलाईट बन्दा ही आपके लिये फायदेमंद है।
● अपने प्रत्याशी को नोटिस करें कि कहीं वो वोट तो नहीं खरीद रहा है अगर ऐसा है तो यक़ीन जानिए जीतने के बाद आपकी सड़कें, नाली आपकी गली मोहल्ला जस का तस रहने वाला है। आपके घर के आसपास कूड़े का अम्बार होगा जिसे मजबूरन आप खुद साफ़ करेंगे। क्योंकि जो पैसा सरकार आपकी पंचायत के लिये आवंटित करेगी उसको आपका प्रधान गड्क चुका होगा। यहां गलती प्रधान की जितनी है उतनी ही आपकी भी क्योंकि वो खरीद तब रहा है जब आप बिक रहे हैं। आपसे हाथ जोड़कर निवेदन है गुज़ारिश है वोट मत बेचिये ये आपके और आपके बच्चों के भविष्य का सवाल है।
● प्रधानी का चुनाव छोटा चुनाव ज़रूर है पर इसको हल्के में लेना बन्द कीजिये आपकी रोज़मर्रा की कई ज़रूरतें मसलन आपको सही राशन , साफ़ सुथरी गलियां और लोकल सड़कें, विधवा पेंशन , वृद्धा पेंशन जैसी कई सुविधायें प्रधान ही मुहैय्या करायेगा कोई और इसकी पैरोकारी नहीं करेगा। क्योंकि आप ग्रामवासी हैं शहरवासी नहीं आपकी अप्रोच भी शायद शहरी लोगों से कम हो।
● आजकल चूंकि प्रधानी के चुनाव ज़ोर शोर से चल रहे हैं सभी प्रत्याशी अपना पूरा दमखम लगाए हुए हैं ऐसे में आपकी कोशिश ये होनी चाहिये कि आप भी किसी प्रत्याशी को ऐसा ना बोलें जिससे उसके सेंटीमेंट्स हर्ट हो जाएं ज़्यादा ही ज़रूरी बात है तो वक़्त लेकर अकेले में करें ( ना ना आपको सिर्फ़ ज़रूरी बात करनी है कोई डील ना करें मसलन शराब, पैसा या फिर किसी के खिलाफ़ कोई षड्यंत्र जैसी डील बिल्कुल ना करें)।
● आपसी सौहार्द बनाए रखें चुनाव को चुनाव समझें ये ज़िन्दगी मौत की जंग नहीं। हर पांच साल में ये चुनाव होने हैं ये पहले और आखिर नही हैं। सभी को आगे साथ-साथ रहना है प्यार मोहब्बत से यक़ीन जानिए रंजिश में जीने का मज़ा बिल्कुल ऐसा है कि आप बिना मसालों के खाना खा रहे हों जिसमें कोई ज़ायक़ा ही नही है।
● जितना ज़्यादा हो सके मतदान करें ये लोकतंत्र का पर्व है 5 सालों में एक बार आता है। ये ईद-बक़राईद, होली-दीवाली नहीं है जो हर एक साल आयेगी। लोकतंत्र को मज़बूत कीजिए। ज़्यादा से ज़्यादा मतदान कीजिए। अपने क्रोध का जवाब ईंट-पत्थर या गोले बारूद से मत दीजिये आप वोट की चोट पहुँचाईए।
● यहां ये पॉइंट मेंशन करना भी गलत नही होगा कि अगर आपका उम्मीदवार रिपीट चुनाव लड़ रहा है यानि वो निवर्तमान प्रधान भी है तब भी आपकी ज़िम्मेदारी बनती है उसके कामों का आंकलन करें ये भी देखें कि पिछ्ले कार्यकाल में गांव में कितने झगड़े हुए और उन झगडों में आपके प्रत्याशी की क्या भूमिका रही है।
नोट- यक़ीन जानिए अगर आप उपरोक्त सभी पॉइंट्स को अपने ज़हन में बैठा कर वोट करेंगे तो उम्मीद करता हूं आपको अपने चुनाव पर फख्र महसूस होगा। आप अपने आप को कोसेंगे नहीं।
जय संविधान 🙏🏾✍♥️
*स्वतंत्र पत्रकार असकरी जाफ़री का लेख*
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