जिलाधिकारी रमाकांत पाण्डेय ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के किसानों को “पर ड्राॅप मोर क्राॅप“ माइक्रोईर्रीगेशन योजना का शत प्रतिशत लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें ताकि उत्पादक क्षमता में वृद्वि हो सके। उन्होंने कहा कि जिले में पराम्परागत कृषि फसलों के साथ बागबानी, फलों, सब्जियों तथा अन्य उत्पादनों की प्रबल सभावनाएं हैं, जो यहां के वातावरण और जलवायु केे अनुरूप हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि फसलों के क्षेत्र के विस्तार के साथ ही गुणवत्तायुक्त उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्वि के तकनीकों का अंगीकरण के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए ताकि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग कर उनकी आय में अपेक्षित इजाफा हो सके।
जिलाधिकारी श्री पाण्डेय आज कलैक्ट्रेट स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उपघटक “पर ड्राॅप मोर क्राॅप“ माइक्रोईर्रीगेशन योजना से संबधित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में कृषक बन्धुओं को लाभान्वित करने और उनकी आय में वृद्वि करने के मकसद से प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रारम्भ की गई और उनके उप घटक “पर ड्राॅप मोर क्राॅप“ में एनएमएसए के माइक्रोईर्रीगेशन कार्यक्रम को सम्मिलित किया गया। उन्होंने बताया कि माइक्रोईर्रीगेशन कार्यक्रम पूर्ण मानक के साथ अंगीकार करने से किसानों की आय आगामी 05 वर्षों में दोगुनी हो सकती है। उन्हांेने योजना के मुख्य उद्देश्य की जानकारी देतेे हुए बताया कि जल स्तर में दिन प्रतिदिन हो रही कमी में सुधार के लिए भूजल संचयन, उत्पादन एवं उत्पादकता में बढ़ौतरी के दृष्टिगत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर पद्वति के माध्यम से पौधों को सीघे विभिन्न प्रकार के संयंत्रों, पाईप, तकनीकों को अपना कर, उनकी आयु और आवश्यकता के अनुसार जल उपलब्ध करा कर गुणवत्तायुक्त उत्पादन, जल एवं ऊर्जा की बचत में योगदान किया जाना है।
जिलाधिकारी श्री पाण्डेय ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उपघटक “पर ड्राॅप मोर क्राॅप“ माइक्रोईर्रीगेशन योजना वर्ष 2020-21 में प्राप्त भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों को अनुमोदित करते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि उक्त योजना को उनकी मूल मंशा के अनुरूप संचालित कराना सुनिश्चित करें ताकि जिले के किसानों को उसका भरपूर फायदा हासिल हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शासन द्वारा ड्रिप/स्प्रिंकरल सिंचाई पद्वति पर उपलब्ध कराए जा रहे अनुदान का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करें ताकि किसान जागरूक होकर उक्त पद्वति को अंगीकार कर उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने बताया कि उक्त पद्वति से होने वाले फायदों की जानकारी देते हुए बताया कि इससे पानी देने के लिए मेढ़ व नालियों की आवश्यकतात नहीं होती और पानी केवल पोधों की जड़ों में देने से पानी की बचत तथा खरपतवार पर प्रभावी नियंत्रण, पैदावार तथा फसल की गुणवत्ता में अत्याधिक वृद्वि सहित अन्य लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन विनोद कुमार गौड़, परियोजना निदेशक डीआरडीए वीपी श्रवास्तव, जिला कृषि अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, जिला उद्यान अधिकारी नरपाल सिंह, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
रिपोर्ट : आक़िफ़ अंसारी