Bijnor जिलाधिकारी रामाकांत पाण्डेय ने सबसे कम वसूली करने वाले पांच अधिशासी अधिकारियों का जवाब तलब करते हुए उनके विरूद्व प्रमुख सचिव निकाय को पत्र लिखने तथा सबसे कम वसूली करने वाले अमीनों के विरूद्व विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित करने के दिए एडीएम को निर्देश, न्यायिक अधिकारियों को निर्धारित दायरे के सापेक्ष कोर्ट कार्य करें और गुणवत्तापूर्वक अधिक से अधिक वादों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें
जिलाधिकारी रमाकांत पाण्डेय ने नगर निकायों द्वारा नाममात्र वसूली कार्य करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अपर जिलाधिकारी प्रशासन को निर्देश दिए कि सबसे कम वसूली करने वाले पांच अधिशासी अधिकारियों का जवाब तलब करते हुए उनके विरूद्व प्रमुख सचिव निकाय को पत्र लिखने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने पांच सबसे कम वसूली करने वाले अमीनों के विरूद्व विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश अपर जिलाधिकारी वि/रा को दिए। उन्होनंे कहा कि वसूली कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता एंव लापरवाही बर्दाशत नहीं की जाएगी। उन्होनंे समीक्षा के दौरान आबकारी, बाट-माप सहित लक्ष्य के सापेक्ष कम वसूली करने पर संबंधित विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्दश दिए कि लक्ष्य के सापेक्ष वसूली करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी श्री पाण्डेय आज शाम कलैक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कर-करेत्तर तथा मासिक राजस्व समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कर वसूली कार्य की समीक्षा करते हुए पाया कि वाणिज्यकर, स्टाम्प, विद्युत, आबकारी तथा परिवहन विभाग द्वारा वसूली का कार्य संतोषजनक किया है जबकि वन, सिंचाई, नगर निकाय, खनन आदि विभागों के वूसली कार्य में शिथिलता पाई जाना प्रकाश में आया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने विभागीय लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिशासी अभियंता विद्युत को निर्देश दिए कि दस-दस बड़े विद्युत बक़ायादारों की अवर अभियंतावार सूची तहसीलों को उपलब्ध करायें ताकि उनके अनुसार विद्युत देयकों की वसूली सुनिश्चित की जा सके।
जिलाधिकारी श्री पाण्डेय ने राजस्व कार्य से संबंधित बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी प्रशासनिक न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्धारित दायरे के सापेक्ष कोर्ट कार्य करें और यथासम्भव गुणवत्तापूर्वक अधिक से अधिक वादों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होनंे कहा कि कभी कभी न्याय में देरी से शांति एंव कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसलिए सभी उपजिलाधिकारी एंव तहसीलदार न्यायिक कार्य की गुणवत्ता में न तो कमी करें और न ही अनावश्यक रूप से विलम्ब करें। उन्होनंे यह भी निर्देश दिए कि सभी उप जिलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में शांति ंव कानून व्यवस्था के साथ कोई समझौता न करें और किसी भी अपराधिक एवं सम्प्रदायिक घटना का तुरंत संज्ञान लेते हुए स्वयं मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लेकर समाधान कराना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन विनोद कुमार गौड़, वित्त/राजस्व अवधेश कुमार मिश्र, न्यायिक डा0 नितिन मदान, सभी उप जिलाधिकारी एवं अतिरिक्त मजिस्ट्रेस एवं तहसीलदार सहित सभी संबंधित विभागीय अधिकारी तथा अधिशासी अधिकारी नगर निकाय मौजूद थे।
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