बिजनौर में एक और किसान ने कृषि बिलों के विरोध में गेंहू की फसल को किया नष्ट

🔹जनपद बिजनौर में यह तीसरी घटना हैं जब किसान ने अपनी लहलहाती गेंहू की फसल को नष्ट कर दिया हैं,

बिजनौर के हल्दौर थाना क्षेत्र के ग्राम शादीपुर कलां में भारतीय किसान यूनियन के एक वरिष्ठ नेता ने कृषि कानून के विरोध में अपनी पांच बीघा खड़ी गेहूं और सरसों की मिश्रित फसल ट्रैक्टर और हैरो से जोतकर बर्बाद कर दी, गांव की किसान महिलाओं ने भी तीनों कृषि विधायकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, महिलाएं घर घर जाकर अन्य महिलाओं को कृषि कानूनों को वापस कराए जाने के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए जागरूक करने में लगी हैं

किसान का आरोप है कि केंद्र सरकार अपने मनमाने तरीके से तीनों कृषि विधायकों को किसानों के ऊपर थोपना चाहती है जबकि किसान इन विधायकों के पुरजोर विरोध में हैं इस बार भी किसानों के गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया गया है चीनी मिलों ने किसानों के गन्ने का समस्त बकाया भुगतान नहीं किया है किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

खाद्यान्न के दलालों और बिचौलियों की जमकर मौज आ रही है सरकार किसानों की समस्याओं को लगातार अनदेखा करने में लगी है। सरकार के तीनों विधायक किसानों के कतई भी हित में नहीं है। ऐसे में मजबूर किसान के पास अपनी फसल बर्बाद करने के और कोई चारा नहीं है।

उक्त किसान ने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक सरकार किसान विरोधी बिलों को वापस नहीं लेती तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। मौके पर मौजूद अन्य किसानों ने भी तीनों कृषि बिलों के विरोध में समस्त किसानों के हित की लड़ाई लड़ने के लिए उक्त किसान का पूरी तरह साथ देने का आश्वासन दिया।

मौके पर भाकियू के जिला संगठन मंत्री राजेंद्र चौधरी, हल्दौर ब्लॉक उपाध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी, पूर्व ग्राम प्रधान अंकित चौधरी ,लोकेंद्र सिंह, शौवीर सिंह ,राजपाल सिंह, नरेश कुमार, ओमपाल सिंह, गजेंद्र सिंह आदि अनेक किसान मौजूद रहे।

हल्दौर गांव शादीपुर कलां में संतोष देवी ,ओमवती देवी, पुष्पा देवी, सुमन देवी ,राजबाला देवी, भगवती देवी, मिथलेश देवी ,नीता देवी आदि अनेक किसान महिलाओं ने किसानों के अहित में जारी कृषि कानूनों को वापस कराए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को गांव में घर-घर जाकर अन्य किसान महिलाओं को इसका विरोध प्रदर्शन करने के लिए जागरूक किया।

क्षेत्रीय किसान महिलाओं ने भी कृषि बिलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऐसी महिलाएं अपने पड़ोसी गांवों की अन्य महिलाओं को उनके घर घर जाकर कृषि कानूनों के विरोध के प्रति जागरूक करेंगी। उनका कहना है कि सरकार शायद महिला किसानों की ताकत से पूरी तरह वाकिफ नहीं है

Bijnor Express

Aasid Aasid

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