▪️विलुप्त हो रही है पौराणिक मालिनी नदी, सिर्फ बरसात के समय होतीं है उफान पर
▪️नजीबाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात के समय मालिनी नदी बरपाती हैं अपना कहर
Historical information: मान्यता है कि इसी मालिनी नदी के तट पर भगवान राम के भाई भरत का जन्म हुआ था जिनके नाम पर हमारे देश आर्य बर्त का नाम भारत पड़ा,
![](http://3b6.e00.mywebsitetransfer.com/wp-content/uploads/2020/10/FB_IMG_1603493947095.jpg)
लगभग 5000 हजार वर्ष पूर्व की प्राचीन और ऐतिहासिक नदी जिसका जलपान करके रजा भरत ने एक अखण्ड भारत वर्ष की स्थापना की थी उस मालिनी का जलस्तर अब विलुप्त हो रहा है
अगर इस नदी का संरक्षण संवर्धन नही हुआ तो इस नदी का महत्त्व यंहा का जनजीवन अंधकारमय के साथ साथ यहाँ का इतिहास इतिहास के पन्नों तक ही सीमट के रह जायेगा
![](http://3b6.e00.mywebsitetransfer.com/wp-content/uploads/2020/10/FB_IMG_1603493940404.jpg)
खुलेआम इस नदी को पाट कर अतिक्रमण हो रहा हैं खुलेआम हो रहा कब्जा किसी से छुपा नहीं है लेकिन इस पर नकेल कसने की पहल किसी ने भी नहीं की अब भू माफियाओं के द्वारा नदी कि भूमी को बिना किसी वैध अनुमति के प्लाटिंग करके खुलेआम बेच रहे है
मालिनी नदी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लाक के गांव मलियाना और वनाली चण्डा मालिनी शिखर पहाड़ियों के मूल भाग से मालिनी का उद्गम स्थल है जो धीरे धीरे बाबा हेमकूट पर्वत का स्पर्श करते हूए अपने ममतामयी दुग्ध रूपी जल से लालन पालन करती हुई कोटद्वार क्षेत्र से नजीबाबाद होते हुए अंत में गंगा में समाहित हो जाती है ऎसा ऐतिहासिक वर्णन प्राप्त होता है
![](http://3b6.e00.mywebsitetransfer.com/wp-content/uploads/2020/10/FB_IMG_1603494077400.jpg)
कुछ इसी तरह से मालिनी नदी के तटो पर जमीन कब्जे का खेल चल रहा है राजस्व अमले की मिलीभगत से इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है राजस्व विभाग के जमीनी अमले से भू माफियाओं की इस प्रकार की साठगांठ है कि आम आदमी जहां कार्य कई बार दौड़ने के बाद भी नहीं होता है तो इनका कार्य रात में भी करने के लिए कर्मचारी तैयार बैठे रहते हैं।
![](http://3b6.e00.mywebsitetransfer.com/wp-content/uploads/2020/10/FB_IMG_1603494052066.jpg)
पहाड़ी क्षेत्र से निकलने की वजह से इस नदी में रेत व बजरी भारी मात्रा में पाई जाती है, जिसकी वजह से इस नदी में अवैध खनन बड़ी संख्या में किया जाता है, और सरकारी खजाने को भी करोड़ों का चूना लागाया जाता है,
जिन ग्रामीण क्षेत्रों से होकर यह नदी गुज़रती है वहाँ भी इसके साथ अन्याय किया जा रहा हैं, साल के 3 महीने सूखने की वजह से आसपास के किसान नदी के किनारे काटकर इसपर कब्जा कर खेती-बाड़ी शूरू कर देते हैं, जिसकी वजह से बरसात में इस नदी का पानी आसपास के क्षेत्रों में फैल जाता है,
![](http://3b6.e00.mywebsitetransfer.com/wp-content/uploads/2020/10/FB_IMG_1603493964193.jpg)
बिजनौर के इतिहासकार व भारतीय किसान यूनियन के आईटी सेल प्रमुख Tayyab Ali ने लिखा है कि मालिनी नदी की भूमी पर खुलेआम कब्जा किया जा रहा है इस ओर यदि ध्यान नहीं दिया गया तो यह मालिनी नदी कुछ दिनों में समतल भूमि में बदलकर बिक जाएगी आओ हम सब मिलकर इस ऐतिहासिक नदी का संरक्षण संवर्धन करे सब मिलकर आवाज उठाए भारतीय किसान यूनियन की आवाज बन जाए
![](http://3b6.e00.mywebsitetransfer.com/wp-content/uploads/2020/10/IMG_20201024_040337.jpg)
नजीबाबाद के पास से होकर गुजरने की वजह इस नदी में गंदगी की भरमार हैं, नजीबाबाद के गंदे नालों व नालियों का पानी इस नदी में समाता हैं, जिसकी वजह से नजीबाबाद में इस नदी में सबसे अधिक गंदगी होतीं हैं,
यहीं वजह है कि नजीबाबाद की मसहूर समाजसेवी व पूजा हास्पिटल की सरपरस्त डाक्टर राखी अग्रवाल जी इस को लेकर काफ़ी गम्भीर हैं और वह समय-समय पर इस मालिनी नदी के तटों की साफ-सफाई करतें हुए देखीं जा सकतीं हैं,
![](http://3b6.e00.mywebsitetransfer.com/wp-content/uploads/2020/10/FB_IMG_1603493993863.jpg)
वहीं नजीबाबाद के सोशलिस्ट एक्टिविस्ट आसिद नजीबाबादी ने कहा कि मालिनी नदी की भूमी पर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि पहले इस नदी के आसपास पंछियों व जानवरों का बसेरा हुआ करता था, जो अब विलुप्त होने के कगार पर हैं,
![](http://3b6.e00.mywebsitetransfer.com/wp-content/uploads/2020/10/FB_IMG_1603493955028-2.jpg)
आसिद नजीबाबादी ने आगे कहा कि नजीबाबाद के निकट भारी गंदगी वह किसानों के द्वारा अवैध तरीके से नदी के किनारों को काटकर खेती करना वहीं अवैध रूप से खनन किया जाना इस मालिनी नदी के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है,
Tayyab Ali जी के साथ Bijnor Express की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट