देश की राजधानी से सटे राज्य हरियाणा के विकसित शहर गुरुग्राम में एक बार फिर गौरक्षकों की हैवानियत देखने को मिली हैं, गौरक्षकों के एक दल ने गौमांस तस्करी के शक में आठ किलोमीटर तक एक गाड़ी का पीछा किया और उसे रोककर उसके ड्राइवर की बुरी तरह पिटाई कर दी।

समाजसेवी zakir ali tyagi ने ट्विटर व फेसबुक पर पोस्ट करतें हुए सुप्रीम कोर्ट व सत्ता में काबिज लोगों से कड़े शब्दों में सवाल किए हैं,..👇
सेक्युलर मुल्क़ ने कल मुस्लिमों को ईदी के रूप में लुकमान को लिंच कर तोहफ़े के रूप में दिया है,लुकमान पर "जय श्री राम" कहने के लिए दबाव बना मारपीट की गई,गुड़गांव में गाड़ी रोक आरोप लगाया कि ये गोमांस ले जा रहा है,लुकमान की गाड़ी में गोमांस तो नही देश का मरा हुआ लोकतंत्र ज़रूर था। pic.twitter.com/jFDu2oIpAm
— Zakir Ali Tyagi (@ZakirAliTyagi) August 1, 2020
गौरक्षकों ने ड्राइवर लुकमान पर हथौड़ों से हमला किया और बीच सड़क पर घसीट-घसीट कर मारा घायल होने के बावजूद उसे पीटते रहे,इस दौरान वहां मौजूद न तो भीड़ ने उसे बचाने की कोशिश की और न ही हरियाणा पुलिस ने मामले में दखल दिया। पीड़ित पिटता रहा और पुलिस तमाशबीन बनी रही। लोगों ने इस घटना को अपने मोबाइल में कैद कर लिया। बाद में पुलिस पीड़ित को उसकी गाड़ी समेत आठ किलोमीटर पीछे बादशाहपुर गांव ले गई, जहां से गौरक्षकों ने उसका पीछा करना शुरू किया था। वहां पहुंचने पर फिर गौरक्षकों ने लुकमान की फिर से पिटाई शुरू कर दी।

सुप्रीम कोर्ट के लिंचीग पर कड़ा क़ानून बनाने का आदेश पड़ा है, पुलिस की नाकामी और देश की बर्बादी की निशानी पड़ी है, शर्म आनी चाहिए उन लोगों को जिन्होंने लिंचरो पर आज तक कड़ी कार्रवाई नही की,लिंचरो की मूर्ति बनाई लाश पर तिरंगा लपेटा गले मे फूलों की माला डाली सीएम की चुनावी रैली में पहली पंक्ति में टैग के साथ चेयर दी, शर्म आनी चाहिए उन लोगों को जिन्होंने लिंचरो का सहयोग किया पीड़ितों को बचाया केवल तमाशा देखा, और सड़क से लेकर कोर्ट तक लिंचरो का समर्थन दिया, शर्म आनी चाहिए सुप्रीम कोर्ट के उस जज को जिसने केंद्र सरकार को लिंचिंग पर कड़ा क़ानून बनाने का आदेश दिया और सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अमलीजामा पहनाया या ठेंगा दिखाया कोई सुध नही ली।