नजीबाबाद क्षेत्र का ग्राम ज्वाली खुर्द जो अभी तक भी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरस रहा हैं,

▪️इस गांव के हजारों लोग कुवैत व अरब देशों में कार्यरत रह चुके हैं इसलिए लिए इस गांव को मिनी अरब भी कहते हैं,

▪️देश को विदेशी मुद्रा भंडार में हैं अहम योगदान फिर भी प्रशासन नहीं ले रहा हैं कोई शुद्ध,

▪️मालन नदी के किनारे पर होने की वजह से पानी की निकासी की समस्या हर बरसात में बढ़ जाती हैं,

#Bijnor: नजीबाबाद विधानसभा छेत्र में पड़ने वाला ग्राम ज्वाली खुर्द जिसे आसपास के लोग मिनी अरब के नाम से भी जानते हैं, इसकी वजह साफ़ है क्योंकि इस गांव में से हर घर से कुवैत या फ़िर यूं कहूँ कि इस गांव के यूवा किसी ना किसी अरब देशों में काम करतें हैं, इस गांव के कुछ घरों से तो काम करने वालें सभी कामगार अरब मुल्कों में कार्यरत हैं,

देश को विदेशी मुद्रा भंडार में भरपूर सहयोग करने वालें बिजनौर के इस गांव में सुविधाओं की बात करें तो इस गांव के लोग साफ-सफाई व नाली पानी की निकासी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं,

इस गांव के दो मुख्य मार्ग है जिसमें एक हूंमाईयोपुर व दूसरा कुतुबप़ुर को जोड़ता हैं और तीसरा मालन नदी के रास्ते सापपूरा और इस गांव के खेत खलिहानों को जोड़ता हैं, बरसात के समय ज्यादातर मालन नदी उफ़ान पर रहती हैं और पुल नहीं होने की वजह से सापपूरा व खेत खलिहानों का रास्ता ज्यादातर टूटा ही रहता हैं,

पहला रास्ता ज्वाली खुर्द से हूंमाईयोपुर को होतें हुए फजल़पुर को जाता हैं जो आगे जाकर जलालाबाद व नजीबाबाद से जुड़ता हैं, बरसात के समय मालन नदी में उफ़ान होने पर नदी का पानी नाले के रास्ते आ कर गांव को हूंमाईयोपुर से काट देता है और यह रास्ता नदी उफ़ान के दौरान ज्यादातर बंद रहता है,

वहीं दूसरा मार्ग है ज्वाली-कुतुबपुर का कुतुबप़ुर की साइड से देखें तो ये 200 मीटर का मार्ग है जो ज्वाली कॊ होता हुवा नजीबाबाद तक के लिये गुजरता है और ज्वाली खुर्द को मोअज़्ज़मपुर को जोड़ने वाला यह इकलौता रास्ता है, यहाँ कम से कम 1000 यात्री रोजाना गुजरते है इस रास्ते की हालत इतनी खराब है की यहा थोड़ी बारीश से भी इतना रस्ता खराब हाे जाता है की पैदल निकल ने वालो कॊ बहुत मुसीबत का सामना करना पड़ता हैं, और ज्वाली खुर्द में आकर यह रास्ता भी मालन नदी के उफ़ान पर होने की वजह से बंद हो जाता हैं,

नजीबाबाद तहसील क्षेत्र के ज्वाली खुर्द के बुजुर्ग बतातें है कि ये समस्या हर साल होतीं हें, सांसद, विधायक, और सभी अन्य जनप्रतिनिधियों कॊ कई बार इस समस्या से अवगत कराया है लेकिन इस पर कोई जनप्रतिनिधि संज्ञान नहीं लेता, कई और गांव के अन्य लोगों का कहना है कि विकास तो हुआ है लेकिन पुतलियाँ के पास नाला होने की वजह से व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गयी हैं,विदेशी चमक धमक के बाद जब यहाँ के यूवा कामगार वापिस अपने गांव लौटते हैं तो शर्मिदगी महसूस करतें हैं,

(बिजनौर एक्सप्रेस) #Google

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