बिजनौर एक्सप्रेस के मंडावली से रिपोर्टर रहमान अल्वी और शाकिर हुसैन ने पेश की मानवता की मिसाल

Bijnor: इसीलिए इस्लाम के आखरी पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम के दौर में इस्लाम को ना मानने वाले लोग भी अपनी बहू बेटियों को हजरत मोहम्मद की हिफाजत में छोड़ कर चले जाते थे सच्चा मुसलमान वही है जो दूसरे मजहब की बेटी की भी हिफाजत अपनी जान से ज्यादा करें

बिजनौर के प्रसिद्ध अखबार चिंगारी की रिपोर्ट

मंडावली के ग्राम भूड्डी पर एक लड़की जो उत्तराखंड में नौकरी करते है वहां से से वापस आ रही थी वह नांगल बिजनौर रोड पर उसे जाना था लेकिन शाम का समय हो गया था इस रोड पर कोई वाहन नहीं मिल रहा था लड़की सवारी की इंतजार में थी

लेकिन कोई सवारी नहीं मिली अंधेरा होने लगा था वहां पर मंडावली क्षेत्र के पत्रकार अब्दुल रहमान अल्वी बैठे हुए थे उन्होंने पहले लड़की से पूछा कि आपको कहां जाना है तो उसने अपने गांव का नाम बताया जिसके बाद लड़की को बैठने के लिए कुर्सी दे दी गई

शाकिर हुसैन

और उससे कुछ दूरी पर पत्रकार अब्दुल रहमान अल्वी वह राशन डीलर साकिर हुसैन वहां पर बैठे रहे लड़की ने कहा कि उनका भाई उसको लेने के लिए आ रहा है लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी उसका भाई वहां नहीं पहुंचा

साकिर भाई को नजीबाबाद जाना था और पत्रकार अब्दुल रहमान अल्वी को अपने घर ग्राम मीरमपुर बेगा जिसके बाद राशन डीलर साकिर हुसैन ने अपनी मां को वहां पर बुलाया और उस लड़की के पास बैठने के लिए कहा

मां से उन्होंने बताया कि इस बहन का भाई लेने के लिए इनको आ रहा है जब तक इनका भाई यहां ना आ जाए तब तक आप इनके पास में ही बैठी रहे साकिर की मां उसके पास कुर्सी डाल कर बैठ गई लड़की ने यह देख कर राशन डीलर साकिर हुसैन का और पत्रकार अब्दुल रहमान अल्वी का धन्यवाद किया

थोड़ी देर बाद भी बहन का भाई वहां पहुंच गया और अपनी बहन को इस तरह से एक मां की हिफाजत में देखकर काफी खुश हुआ और उसने साकिर भाई की मां को अपने यहां घर पर आने के लिए कहा और उनका धन्यवाद किया

अब्दुल रहमान अल्वी

यह सब बातें बताने का मकसद यह है कि अगर सब लोग इसी तरह से रास्ते में मिलने वाली रात्रि में मिलने वाली बहू बेटियों की हिफाजत करना अपनी जिम्मेदारी समझ ले तो मैं यह समझता हूं कि हमारा देश रेप मुक्त हो जाएगा देश के अंदर कोई भी बहू बेटियों के साथ बुरी घटना नहीं होगी

यह मायने नहीं रखता कि वह बेटी हिंदू है या मुस्लिम है बस यह देखना चाहिए कि वह बेटी है बहन है और उसकी हिफाजत करना हमारी जिम्मेदारी है

लास्ट में सब से यही कहना चाहता हूं देश का हर नौजवान घर से बाहर मिलने वाली किसी भी लड़की को देखकर मौका ना समझे बल्कि यह समझे की अल्लाह ने भगवान ने ईश्वर ने उस बेटी की हिफाजत करने का उसको अवसर दिया है

मंडावली से अब्दुल रहमान अल्वी की ये ख़ास रिपोर्ट

©Bijnor Express

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