🔹सुप्रीम कोर्ट द्वारा वसीम रिज़वी की याचिका खारिज होने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों में जश्न का माहौल है,
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट द्वारा #वसीम_रिज़वी को करारा जवाब, क़ुरआन की 26 आयतो को हटाने वालीं यचिका की ख़ारिज. कोर्ट ने कहा कि वसीम रिजवी द्वारा तुच्छ हरकत है, सुप्रीम कोर्ट ने वसीम रिज़वी पर याचिका दायर करने के लिए 50,000 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया..
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मुझे इस एसएलपी के बारे में सारे तथ्य पता हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये एसएलपी नहीं रिट है और आप अपनी याचिका को लेकर कितने गंभीर हैं?
इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मदरसों में ये आयतें पढ़ाई जाती हैं, छात्रों को इससे मिसगाइड किया जाता है, यही आयतें पढ़ाकर और समझा कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी तैयार किए जाते हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये निराधार याचिका है. कोर्ट ने पचास हजार रुपए जुर्माना लगाकर याचिका खारिज की.
वसीम रिजवी की याचिका के बाद पिछले दिनों एक इस्लामी सम्मेलन, जिसमें शिया और सुन्नी समुदाय के उलेमा शामिल हुए थे, में रिजवी को इस्लाम से खारिज कर दिया गया था और फरमान जारी किया गया था कि मुल्क के किसी क्रबिस्तान में रिज़वी को दफन नहीं होने दिया जाएगा.
वसीम रिजवी इस समय अंडरग्राउंड हैं. उन्होंने कहा कि परिवार ने मेरा साथ छोड़ दिया, पत्नी, बच्चों, भाई सबने साथ छोड़ दिया है. उनके भाई ने वीडियो जारी कर कहा कि वसीम से परिवार का संबंध नहीं है. वे नहीं आते, वे इस्लाम विरोधी हो गए हैं और वे जो कह रहे हैं, उसका परिवार से कोई संबंध नही है.
वसीम रिजवी ने किस तर्क के साथ दाखिल की थी याचिका उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की तरफ से यह याचिका दायर की गई थी. उनका कहना था कि कुरान की 26 आयतें आतंक को बढ़ावा देने वाली हैं और उन्हें हटाया जाना चाहिए ताकि आतंकी गतिविधियों से मुस्लिम समुदाय का नाम न जुड़ सकें.
याचिका दाखिल करने से पहले याचिकाकर्ता रिज़वी ने एहतियातन मूल सवाल और याचिका की प्रति देशभर के 56 रजिस्टर्ड इस्लामिक संगठनों और संस्थानों को भी अपना रुख साफ करने के लिए भेजा था.
दरअसल वसीम रिजवी का कहना था कि जब पूरे कुरान पाक में अल्लाहताला ने भाईचारे, प्रेम, खुलूस, न्याय, समानता, क्षमा, सहिष्णुता की बातें कही हैं तो इन 26 आयतों में कत्ल व गारत, नफरत और कट्टरपन बढ़ाने वाली बातें कैसे कह सकते हैं. इन आयतों का इस्तेमाल कर मुस्लिम युवकों को बरगलाया जा रहा है. इन्हीं की वजह से देश की एकता और अखंडता पर खतरा है.
अपनों का साथ छोड़ने से बौखलाया वसीम रिजवी दरअसल समाज, परिवार सभी के साथ छोड़ देने के बाद वसीम रिजवी को केवल उसकी सुरक्षा में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों का ही सहारा बचा है
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Report by Bijnor express
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