सपा ने पूर्व जिला सचिव फरहान खान से झाड़ा पल्ला, कहा पार्टी का उनसे कोई लेना देना नही

◾पूर्व जिला सचिव रह चुके है फरहान खान

◾ हर बार की तरह कार्यकर्ता से पार्टी के किनारा करने से सोशल मीडिया पर हुई कड़ी आलोचना

Bijnor: समाजवादी पार्टी बिजनौर कर पूर्व जिला सचिव व समाज सेवी फरहान खान द्वारा एक मामले पीड़ित की पैरवी कर प्रशासन के खिलाफ बयानबाजी करने के मामले में मुकदमा पंजीकृत होने के बाद

सपा जिलाध्यक्ष ने राशिद हुसैन ने सोशल मीडिया के ज़रिए एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी का फरहान खान से कोई लेना देना नहीं है और ना यह किसी पद पर है ।

हर बार की तरह इस बार भी समाजवादी पार्टी व उनके नेताओ ने ना तो पीड़ित के लिए आवाज़ उठाई उल्टे अपने कार्यकर्ता की पैरवी व प्रशासन के नाम माफीनामा लिखवाने के बजाय कह दिया कि पार्टी से उसका कोई लेना देना नही है इससे पहले भी सपा कार्यकर्ता फैज़ान मालिक के साथ ऐसा हो चुका है

इसी बात को लेकर सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी के नेताओ की कड़ी आलोचना व किरकिरी हो रही है लोगो का कहना है पीड़ित के साथ हुई निंदनीय घटना पर अगर फरहान खान ने आवेश व भावनाओ में बहकर भड़काऊ बयान दिया है तो समाजवादी के नेताओ को प्रशासन से बात कर गलती मनवा कर माफीनामा लिखवाना चाहिए था

सोशल मीडिया पर लोग समाजवादी पार्टी से सवाल कर पूछ रहे है । क्या सपा जिलाध्यक्ष ने अब तक मौके पर पहुंच कर पीड़ितों का हाल चाल जाना । ? क्या सपा हाई कमान ने अभी तक फरहान अख्तर की बेल के लिए कुछ किया । ?

फरहान अख़्तर के बयान पर लोगो का कहना है किसी भी समुदाय या व्यक्ति विशेष को टारगेट करना किसी भी दशा में उचित नही है । फरहान अख्तर ने जो बयान दिया वो बेशक ग़लत था

लेकिन क्या वो सही था जो पीड़ित परिवार के साथ हुआ है । या वो ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान जो सपा जिलाध्यक्ष राशिद हुसैन ने दिया है वो बयान पार्टी हित में है ।

इस घटना से क्षुब्ध होकर कई समाजसेवी व सोशल मीडिया एक्टिविस्ट युवाओं के जागरूक कर अपील कर रहे है वो राजनीतिक जज़्बात मे आकर कोई गलत ब्यान ना दे।

क्योंकि उस वक्त पार्टी खुद आपसे दूरी बना लेगी। इस लिए कोई भी गलती ना करे। सियासी लोग कभी अपने नही होते। ये फायदा और नुकसान देखते हैं। पार्टी के बजाय आप अपना परिवार प्रति ज़्यादा निष्ठावान रहे।

समाजवादी पार्टी की अपने कार्यकर्ता से दूरी सब कार्यकर्ताओं के लिए एक सबक है पार्टी को अपने कार्यकर्ता के साथ खड़ा होना चाहिए था
अगर बयान भी देना था तो कह सकते थे कि फरहान खान का ” बयान उनका निजी बयान है पार्टी का उनके बयान से कुछ लेना देना नही है। यही आजकल राजनीति में ट्रेंड पर है

©Bijnor Express

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