▪️बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM के 6 कैंडीडेट मजबूत स्थिति में बताए जा रहे हैं जो कडी टक्कर दे रहे हैं
▪️सीमांचल बिहार का एक ऐसा एरिया है जहां मुस्लिम आबादी 70% से भी ज़्यादा हैं
Bihar election 2020: दरअसल यह एरिया सिर्फ़ बिहार का ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष का सबसे पिछड़ा हुआ एरिया है, जिसकी बदहाली का 70 साल से किसी पार्टी ने नाम लेना तो बहुत दूर इसकी बदहाली की तरफ़ देखना तक ज़रूरी नहीं समझा और #किशनगंज का तो नाम ही, शायद बिहार से बाहर किसी ने सुना होगा
लेकिन, जब से #मजलिस ने बिहार मे कदम रखा है। #सीमांचल और #किशनगंज बिहार की राजनीति का एक मुख्य केंद्र बना दिया है। इसका श्रेय सिर्फ़ #_मजलिस को जाता है।
मजलिस के इन्हीं बढ़ते क़दमों के खौफ से तेजस्वी यादव को सीमांचल के विकास के लिए #सीमांचल_आयोग का गठन करने और सीमांचल पर ध्यान देने का वादा मजबूरन करना पड़ा है।
चुनाव का नतीज़ा जो भी हो वो सबके सामने बहुत जल्दी आ जायेगा। लेकिन, जिस तरह से मजलिस ने सीमांचल और किशनगंज की सभी विधानसभा सीटों पर अपनी ताक़त का अंदाज़ा करवाया हैं वो वाकई मेे बहुत काबिल-ए-तारीफ़ है।
ये मजलिस का ही खौफ था। जिसने तेजस्वी यादव को अलग से सीमांचल की तरक्की के लिए सीमांचल आयोग के गठन करने का वादा सीमांचल वासियों से करना पड़ा है।
सीमांचल के मुस्लिम समुदाय के लोग बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी का तहेदिल से शुक्रिया अदा कर रहे हैं जिनकी मेहनत और बेइंतेहा कोशिशों की बदौलत से ही आज देश का सोता हुआ, गरीब-मजलूम और बेबस-बेसहारा मुसलमान अपने हक़ की लड़ाई लड़ने को इतनी मजबूती के साथ खड़ा हुआ हैं
बता दें कि बिहार के सीमांचल क्षेत्र के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया जिले में असद्दूदीन ओवैसी की रैलियों में जनसैलाब देखा गया, यही कारण है कि यहां AIMIM को सबसे ज्यादा उम्मीद है, और उत्साहित भी है,
एक्जिट पोलो में असद्दूदीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का जिक्र नहीं किया जा रहा हैं जिसकी वजह से AIMIM स्पोर्ट्स दूखी है और और मिडिया संस्थाओं पर जमकर हमला कर रहे हैं,
Report by bijnor Express