बिजनौर न्यूज़:- कन्या भूर्ण हत्या कानून की दृष्टि में अपराध है तो मानवता एवं प्रकृति के प्रति यह कृत्य एक जघन्य अपराध, इस जघन्य अपराध को कानून से बेहतर महिलाओं के प्रति सामाजिक जागरूकता एवं विचार परिर्वतन से रोका जाना सम्भव, महिलाओं के प्रति सम्मान और उन्हें उचित स्थान दिए बिना राष्ट्र एवं समाज के समुचित विकास एवं निर्माण की कल्पना बेकार-आमिर सुहैल
सचिव, जिला विधि सेवा प्राधिकरण, बिजनौर आमिर सुहैल ने कहा कि कन्या भूर्ण हत्या कानून की दृष्टि में तो अपराध है ही, लेकिन मानवता एवं प्रकृति के प्रति यह कृत्य एक जघन्य अपराध है। उन्होंने कहा कि भूर्ण हत्या से एक ओर प्राकृतिक लैंगिक संतुलन में बिगाड़ पैदा होता है, वहीं दूसरी ओर मानवीय और नैतिक मूल्यों का भी ह्रास होता है। उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध को कानून से बेहतर महिलाओं के प्रति सामाजिक जागरूकता एवं विचार परिर्वतन से रोका जा सकता है। महिला समाज का अभिन्न अंग है महिला एवं पुरूष दोनों मिल कर ही समाज का निर्माण करते हैं और दोनों के प्राकृतिक संतुलन से ही समाज का विकास सम्भव है। उन्होंने कन्या भूर्ण हत्या क़ानून के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते हुए कहा कि आजादी के बाद से हमारा मुख्य उद्देश्य राष्ट्र का निर्माण करते हुए देश को शांति, समृद्वि और आत्मनिर्भर बनाना रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी और योगदान देकर महिलाओं के प्रति सामाजिक भेदभाव के भावना को व्यवहारिक रूप से ग़लत सिद्व किया है। आज भारत की नारी हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और योग्यता के बल पर जीवन के हर क्षेत्र में सशक्त और सक्षम रूप से खड़ी है।
मा0 अध्यक्ष/जिला न्यायधीष, श्रीमती जयश्री आहूजा के मार्गदर्शन एवं उत्तर प्रदश राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के अनुपालन में “Save the Girl Child” विषय पर वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा चांदपुर में आयोजित एक विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्ष्ता करते सचिव, जिला विधि सेवा प्राधिकरण, बिजनौर आमिर सुहैल अपने विचार व्ययक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण के बावजूद आज भी हमारे समाज में नारी केे प्रति भेदभाव बरता जाता है। समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियां, जिनमें कन्या भूर्ण हत्या, बाल विवाह आदि शामिल हैं, समस्या देश के विकास एवं निर्माण में बाधा बनी हुई है। केन्द्र एंव राज्य सरकार द्वारा समय समय पर महिलाओं के प्रति सम्मान एवं सामाजिक विचार परिर्वतन के लिए बेटी बचाव-बेटी पढ़ाओं, रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना, सुमंगला कन्या योजना सहित अनेक योजनाएं संचालित की गई हैं, परन्तु इसके बावजूद भी इस आधुनिक और शिक्षित युग में हमारे देश में ज्यादातर स्थानों पर कन्या भूर्ण हत्याएं, भेदभाव और महिला उत्पीड़न की विभिन्न घटनाएं हो रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति सम्मान और उन्हें उचित स्थान दिए बिना राष्ट्र एवं समाज के समुचित विकास एवं निर्माण की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने जन सामान्य का आहवान करते हुए महिलाओं को सम्मान और गरिमा प्रदान करने में अपना सहयोग प्रदान करें और उनके प्रति सभी प्रकार के भेदभाव को ख़त्म करें।
जिला विधि सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित होने वाले विधिक साक्षरता शिविर का संचालन तहसीलदार, चांदपुर सुनील कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर शहर के प्रतिष्ठित लोग और आमजन मौजूद थे।