🔹बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से आये”
Bijnor: चुनाव एक मताधिकार है, जिसके द्वारा जनता अपने मताधिकार से ईमानदार उम्मीदवार का चुनाव करती है, वो ईमानदार उम्मीदवार जनता के अधिकारों की वकालत निष्पक्ष रूप से करता है, क्या ऐसा हो रहा है, सोचना जनता को है कि क्या जनता उम्मीदवार का चुनाव करते समय ये सावधानी अपनाती है
जब हम पंचायत चुनाव में ही जाति धर्म रंग भाषा अमीरी गरीबी छोड़कर एक ईमानदार उम्मीदवार का चुनाव नहीं कर सकते है, तब लोकतंत्र की बात करना बेईमानी है”
चुनाव में न तो उम्मीदवार को पैसा खर्च करना चाहिए, और न ही जनता को उम्मीदवार का पैसा खर्च करना चाहिए, क्योंकि यदि उम्मीदवार चुनाव में पैसा खर्च करेगा तो, फिर पैसा कमायेगा भी, ये कोई व्यापार नहीं है, यदि व्यापार करना है तो व्यापार करो, फिर सामाजिकता या राजनीति क्यों
आप को बता दें कि रीता बुइयार जनपद बिजनौर की इकलौती दलित महिला एक्टिविस्ट हैं जो हर मुद्दे पर अपनी बेबाकी से राय रखती है, और अपने समाज को लगातार जागरूक करने का कार्य कर रहीं हैं,
जय संविधान के नारे से उन्होंने जनपदभर में अपनी अलग पहचान बनाई हुईं हैं, वहीं बेबाकी से अपनी राय जाहिर करने पर रीता बुइयार जेल भी जा चुकी हैं, आगामी पंचायत चुनाव के मद्देनज़र वह कई गांवों का दौरा कर ग्रामीणों से अपने सही मताधिकार का उपयोग करने की अपील कर रहीं हैं,
©Bijnor Express
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