अयोध्‍या में बनने वाली मस्जिद के नक्शे को देखते ही मुसलमानों ने कहा: माशा अल्लाह

🔹अयोध्या में बनने वाली मस्जिद में अस्पताल के साथ लाइब्रेरी, म्यूजियम और कम्युनिटी किचन भी बनाया जाएगा

Uttar Pradesh: बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद अयोध्‍या में बनने वाली मस्जिद नीवं गणतंत्र दिवस के दिन रखी जाएगी इसी हफ्ते सामने आएगा खाका बेहद खूबसूरत होगी अयोध्‍या में बन रही मस्जिद, जारी हुई डिजाइन

Ayodehiya: अयोध्‍या में बन रही धन्‍नीपुर मस्जिद बेहद खूबसूरत होगी. मस्जिद की खूबसूरती और बनावट को लेकर पहले से ही बताया जा रहा है कि यह विश्‍व की चुनिंदा मस्जिदों में से एक होगी.

साथ ही इसकी आकृ‍ति कला का बेजोड़ नमूना होगी. आज इस मस्जिद की डिजाइन और आर्किटेक्‍ट लांच किया गया है. जिसमें मस्जिद के साथ ही उसके साथ बनने वाले पुस्‍तकालय और अस्‍पताल आदि की डिजाइन भी दिखाई गई है.

इंडो इस्‍लामिक कल्‍चरल फाउंडेशन की ओर से बनाई जा रही इस मस्जिद की खास बात इसकी डिजाइन है. बीच में गोल गुंबद में बनी यह मस्जिद बहुत ही खूबसूरत होगी. वहींं तस्‍वीर में दिखाई दे रहे चोकोर परिसर में म्‍यूजियम, अस्‍पताल, लाइब्रेरी और कम्‍यूनिटी किचन बनाया जाएगा.

पहली तस्वीरों में, अयोध्या में बनने वाली मस्जिद और अस्पताल की एक झलक

यह गोल मस्जिद पारंपरिक मस्जिदों से अलग और आधुनिक कला का संगम होगी. दिल्‍ली के जामिया मिल्लिया इस्‍लामिया विश्‍वविद्यालय (JMI) के आर्किटेक्‍चर डिपार्टमेंट के डीन प्रोफेसर एस एम अख्‍तर बताते हैं कि यह सिर्फ धार्मिक स्‍थल न होकर मानवता की सेवा के लिए तैयार हो रहा प्रोजेक्‍ट है, लिहाजा इसमें बनने वाले अस्‍पताल (Hospital) और पुस्‍तकालय (Library) पर भी उतना ही ध्‍यान दिया जा रहा है.

वहीं मस्जिद की बात करें तो इसका डिजाइन कंटेंपरेरी होगा. इस मस्जिद में कुछ भी पुराना देखने को नहीं मिलेगा. बल्कि यह भविष्‍य को दर्शाती मस्जिद होगी.

इसकी डिजाइन पूरी तरह भारतीय और यहां के आर्किटेक्‍चर की विशेषता लिए होगी. प्रो. अख्‍तर कहते हैं कि आज पूरे विश्‍व में नई नई चीजें बन रही हैं. हर देश अपनी कलात्‍मक शैली का उपयोग कर रहा है. लिहाजा यहां भी इंडो-इस्‍लामिक स्‍थापत्‍य कला का उपयोग होगा.

जहां तक मस्जिद की बात है तो इसका डिजाइन कंटेंपरेरी होगा. यह बिल्‍कुल भी पुराने ट्रेडिशनल डिजाइन की नहीं होगी. इसमें पुरानी डिजाइनें भी उपयोग नहीं की जाएंगी. यहां टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करके भविष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए कंटेपरेरी डिजाइन होगा. यह पूरी तरह नया होगा. इसमें इस्‍तेमाल होने वाली तकनीक से लेकर सामान तक नया होगा. यही इसकी खासियत होगी.

प्रोफेसर कहते हैं जहां तक पर्यटन के लिहाज से कुछ खास करने की बात है तो मस्जिद एक पूजा स्‍थल है, इसे पूजा स्‍थल की तरह ही रखा जाएगा न कि पर्यटकों को ध्‍यान में रखकर इसकी डिजाइन तैयार की जाएगी. चूंकि यह काफी खास होगी और नए तरीके से बनाई गई होगी तो पर्यटक अपने आप ही इस तक आएंगे. वहीं इसके पास ही बनने वाले अस्‍पताल और पुस्‍तकालय भी स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा के विस्‍तार के लिए हैं. ऐसे में लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से यहां पहुंचेंगे ही.

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न्यूज़ साभार अमर उजाला

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