Bijnor Express

instagram follow

मसूरी-देहरादून मार्ग हुआ क्षतिग्रस्त रोड़ का 50 मीटर हिस्सा बारिश में बहनें से सम्पर्क कटा

Uttrakhand: मसूरी-देहरादून बारिश के बीच सोमवार देर शाम दोनों मसूरी और का 50 मीटर हिस्सा बह गया इससे दून का मसूरी से संपर्क कट गया हैं, सड़क इस कदर ध्वस्त हुई है कि 12 मीटर की चौड़ाई में सिर्फ 1 मीटर भाग ही शेष बचा है। मार्ग बाधित होने से थोड़ी ही देर में दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस को वाहनों को वापस लौटाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। सड़क की स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि इसे दुरुस्त करने में 15 से 20 दिन लग जाएंगे,

मसूरी पहाड़ों की ख़ूबसूरती की दुनिया कायल है हर साल यहां की प्राकर्तिक खुबसूरती को निहारने के लिए दुनियाभर से लाखो घुमक्कड आते थे

कोरोनो ने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है लोगों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि वह जिंदगी की इस मौज-मस्ती को दरकिनार कर बंद कमरों में महीनों तक कैद रहेंगे कोरोना ने जिंदगी को वास्तव में बेरंग कर दिया है गर्मी के जिन महीनों में लोग मसूरी में घूमने की प्लानिंग बनाते थे वह लोग आस पास के पर्यटन स्थलों पर जाने से भी डर रहे हैं।

मसूरी मे कभी बारिश कभी धूप कभी घना कोहरा जैसे बरखा बहार आई रस की फुहार लाई लेकिन लगातार होने वाली बारिश कुछ ज्यादा ही परेशान कर देती है रास्ते में जमा पानी कीचड़ झमाझम झड़ी कही सुनसान जगह पर कैद कर देती है लेकिन घुमक्कड़ों को ऐसा नहीं लगता घुमक्कड़ अकसर सलाह देते हैं कि बारिश से बचने की जगह उसका भरपूर आनंद लेना चाहिए।

बारिश की हल्की फुहार जहाँ आपकी सैर में मस्ती का रंग भर देगी वहीं झमाझम बारिश के बाद धुले पेड़-पौधे हरियाली का निराला मंजर लेकर आपके सामने होते हैं

इन खुशनुमा पलों को अपनी आँखों में कैद करने के लिए आपको ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी ना ही बस ट्रेन या प्लेन के महँगे टिकिट खरीदने होंगे ना ही किसी तरह का लंबा सफर करना होगा मसूरी के खूबसूरत नजारे आपको आपके आस-पास ही नजर आ जाएँगें।

इन नजारों को देखने के लिए आप भी अपने शहर से निकल पडिये मसूरी जहाँ इंद्रदेव ने अभी-अभी अपने मेघ बरसाएँ है यहा का सुहाना मौसम पेड़ों की सुहानी छाँव और हर जगह फैली हरियाली वीकेंड पर आपको आगे के दिनों के लिए पूरी तरह से तरोताजा कर देगी यदि आप भी घुमक्कडी का लुत्फ चाहते हैं तो सीधे मसूरी का रुख करे यहा के नजारे आपका मन मोह लेँगे

इन नजारों के रसास्वादन के साथ बादलों से लुका-छिपी करता सूरज तो कहीं इंद्रधनुष की सुहानी छटा यह सारे सुख कहीं दूर नहीं बस आपके ही आस-पास बिखरें हैं तो फिर तैयार हैं अपने आस-पास ही कुछ नया खोजने के लिए

मसूरी का इतिहास 1825 में कैप्टन यंग ब्रिटिश मिलिट्री अधिकारी और श्री शोर द्वारा मसूरी की खोज से आरम्भ होता है तभी इस पर्यटन स्थल की नींव पड़ी थी 1827 में एक सैनिटोरियम बनवाया गया 1832 में कर्नल एवरेस्ट ने यहीं अपना घर बनाया और मसूरी के नाम के बारे में यहां बहुतायत में उगने वाले एक पौधे मंसूर को इसके नाम का कारण मानते हैं तभी तो इसे मन्सूरी कहते हैं

प्रस्तुति——–तैय्यब अली

बिजनौर एक्सप्रेस के माध्यम से लाखो लोगो तक अपने व्यापार(Business), व्यक्तिगत छवि,चुनाव व व्यवसायिक उत्पाद(Products) प्रचार प्रसार हेतु संपर्क करें- 9193422330 | 9058837714

और पढ़ें

error: Content is protected !!