Dehradun: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी द्वारा कुरान शरीफ से उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा फिलहाल कुरान ए करीम के सिलसिले में उसकी 26 आयतों को कुराने पाक से निकालने का मुतालबा सुप्रीम कोर्ट में किया जा रहा है जो कि यकीनन मुसलमानों की बिरादरी का सबब है और कुरान ए करीम जैसी मुकद्दस किताब की बेहुरमती है
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जिसकी वजह से हिंदुस्तान के मुसलमानों में एक बेचैनी, गम व गुस्से की एक लहर है। जिसकी हम पुरजोर मजम्मत मुखालफत करते हैं और मुतालबा करते हैं कि वसीम रिजवी के द्वारा दी गई दरखास्त फौरन खारिज की जाए वसीम रिजवी खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल किए जाने के विरोध में देहरादून के मुस्लिम समाज वह शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने डीएम डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव को देश के महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपकर शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी का विरोध करते हुए दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की मांग की
और मुस्लिम समाज मैं नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वसीम रिजवी ने कुरान शरीफ पर उंगली उठा कर सारी सीमाएं पार कर दी है और दुनिया भर के मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में उन को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए
ज्ञापन देने में मौजूद रहे, तंजीम रहनुमाई, लताफत हुसैन, वसीम अहमद, मोहम्मद बिलाल, नवाज कुरैशी पार्षद, इतात खान, इब्राहिम कुरैशी, आदि लोग मौजूद रहे
अपनों का साथ छोड़ने से बौखलाया वसीम रिजवी दरअसल समाज, परिवार सभी के साथ छोड़ देने के बाद वसीम रिजवी को केवल उसकी सुरक्षा में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों का ही सहारा बचा है
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