न्यूज डेस्क, बिजनौर | Edited by : बिजनौर एक्सप्रेस | Updated 19 Feb 2023
नील मोहन, एक भारतीय-अमेरिकी, YouTube के अगले चीफ एग्क्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) बने है जो सुसान वोजसिकी की जगह लेंगे जिन्होंने गुरुवार को घोषणा की कि वह अपनी भूमिका यानी पद से हट रही हैं. वोज्स्की 25 साल से यूटुयब की सीईओ थी नील मोहन को गूगल के 100 मिलियन डॉलर मैन के नाम से भी दुनिया जानती है।
नील मोहन टेक उद्योग का एक जाना-माना नाम है। नील मोहन उस समय दुनिया के सामने सुर्खियों में आए जब उन्हें 544 करोड़ रुपये का बोनस मिला था। उन्हीं नील मोहन को YouTube ने अब अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी चुना है।
नील मोहन का जन्म 1974 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ. उनके पिता डॉ. आदित्य मोहन पत्नी डॉ. नीता मोहन के साथ पढ़ाई करने के लिए अमेरिका गए, उस समय नील बहुत छोटे थे. कुछ वर्ष अमेरिका के मिशिगन में रहने के बाद परिवार लखनऊ लौट आया और लखनऊ की रिवर बैंक कॉलोनी में रहने लगा
नील मोहन का जनपद बिजनौर के नजीबाबाद से भी गहरा नाता है उनका पुशतैनी घर आज भी नजीबाबाद में है उनके दादा मुस्सद्दी लाल गोयल जल निगम में पहले चीफ इंजीनियर थे उनके तीनो बेटो का नाम आदित्य मोहन गोयल चन्द्र मोहन गोयल व ललित मोहन गोयल है आदित्य मोहन युटुंब के सीईओ ललित मोहन के पिता है जो कि सिविल इंजीनियर का सपना लिए यूएस गए थे फिर वही बस गए दूसरे भाई चन्द्र मोहन गोयल इस समय दुबई में बसे हुए है तीसरे भाई ललित मोहन का परिवार नोयडा में रहता है
इनका पुशतैनी घर नजीबबाद के संतोमालन मोहल्ले में गौर जामुन कुंज के नाम से है इसकी देखभाल ललित मोहन के बेटे आदित्य गोयल करते है जो नोयडा में रहते है कभी कभार नजीबबाद आते है नजीबाबाद के राकेश कुमार ब्रदर्स मेडिकल स्टोर के मालिक अनिल गोयल व राकेश गोयल बताते है कि अपने पिता आदित्य मोहन के देहान्त पर अस्थिया प्रवाहित करने ललित मोहन हरिद्वार आये थे तब उनका आना नजीबाबाद भी हुआ था
ललित मोहन के दादा मुस्सद्दी लाल राकेश कुमार ब्रदर्स मेडिकल स्टोर के मालिक अनिल गोयल व राकेश गोयल के मौसा थे जो नजीबबाद से लखनऊ चले गए थे चीफ इंजीनियर होने के बाद उन्होंने नगर पालिका नजीबाबाद में जल निगम से सम्बंधित कई कार्य भी कराये थे नील भले ही देश-दुनिया हेतु इंडो अमेरिकन हैं पर बिजनौर के लोगों के लिए बिजनौरी है और हर बिजनौर वासियों पर उनको गर्व होना चाहिए।
नील मोहन ने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से कक्षा 9 से 12 तक की शिक्षा पूरी की थी। इसके पश्चात उन्होंने 1996 में स्टैनफ़र्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की जिसके बाद 2005 में उन्होंने यहीं से एमबीए किया. इसके बाद सबसे पहले 1996 में उन्होंने तकनीकी कंपनी एक्सेन्चर में बतौर सीनियर एनालिस्ट का काम किया।
इसके बाद उन्होंने कुछ वक्त माइक्रोसॉफ़्ट में और फिर पांच साल डबलक्लिक में काम किया. 2008 में नील मोहन ने जब गूगल जॉइन किया, उस वक्त गूगल डबलक्लिक का अधिग्रहण कर रहा थाइसके बाद वो गूगल में डिस्प्ले और वीडियो ऐड्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेन्ट बने. साल 2015 से वो यूट्यूब के चीफ़ प्रोडक्ट अफ़िसर का काम कर रहे हैं
आपको बता दे YouTube की पूर्व सीईओ सुसान वोजसिकी का मासिक वेतन लगभग 374,829 अमेरिकी डॉलर था। नील मोहन की सैलरी भी इसी तर्ज पर रहने की उम्मीद है।भारतीय रुपये में बदलें तो नील मोहन का मासिक वेतन 3.1 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नील मोहन को पहले ट्विटर पर स्विच करने से रोकने के लिए Google से बड़े पैमाने पर 100 मिलियन अमरीकी डालर का बोनस मिला था। ऐसा अनुमान है कि मोहन की कुल संपत्ति 150 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक है, जो कि 1,242 करोड़ रुपये बैठती है।
बिजनौर एक्सप्रेस की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट।
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