बिजनौर/शेरकोट:- नागरपुर खड़क सेन कॉलोनी हरेवली सिचाई विभाग कर्मचारियों के लिए बनी सोने का अंडा देने वाली मुर्गी वही ग्राम वासियों ने सिंचाई विभाग वह मौजूदा गांव के राजनीतिक लोगों पर लगाएं अवैध धन वसूली के आरोप प्राप्त जानकारी के अनुसार हरेवली कलोनी (नागरपुर खड़क सेन ) सिंचाई विभाग कॉलोनी में सन 1978 की बाढ़ से पीड़ितो परिवार निवास करते आ रहे हैं, जो कि अपने बच्चों की गुजर बसर मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।
कुछ दबंग लोग सिंचाई विभाग की जमीन के पट्टे एवं निर्माण कराने के नाम पर गांव की भोली-भाली जनता को डरा धमकाकर अवैध तरीके से चंदा वसूलते हैं और इस मै सिंचाई विभाग के निचले स्तर के अधिकारी भी लिप्त हैं पीड़ितों को आज तक उक्त दबंगों से कोई भी सहायता एवं पट्टे नहीं मुहैया कराये गए हैं। यदि गांव का कोई भी व्यक्ति शौचालय बाथरूम बनाता है तो उसका निर्माण यह लोग रुकवा देते हैं और सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा उस को नोटिस जारी करवा देते है और फिर यह लोग उस से निर्माण करने के बदले में अवैध वसूली की मांग करते हैं इस प्रकार आए दिन गांव की भोली भाली जनता को परेशान करते हैं।
ग्रामवासियों के आरोप है कि सिंचाई विभाग की भूमि पर खुद सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से आलीशान कोठी का निर्माण किया गया जिसके खिलाफ सिंचाई विभाग के किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। गांव में भी सिंचाई विभाग के नाम पर अवैध तरीके से उगाई की जाती है उसमें सिंचाई विभाग के कुछ कर्मचारी भी लिप्त बताए जा रहे है।
जिसको देखते हुए गांव के ही निवासी त्रिलोक सिंह ने दस मई को अधिशासी अभियंता खंड मुरादाबाद को एक प्रार्थना पत्र दिया जिसमें उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सिंचाई विभाग एवं अवैध उगाही करने वाले लोगों की जांच की अपील की लेकिन सही से जांच नहीं हो पाई कारण सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा जांच की अपील करने वाले त्रिलोक सिंह को षड्यंत्र रच जांच से एक दिन पूर्व ही जेल भिजवा दिया गया था । जिसका सारा श्रेय कुछ दबंग लोगो व सिंचाई विभाग के निचले भ्रष्ट अधिकारियों को जाता है उधर त्रिलोक सिंह का यह कहना है कि यदि सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं जिला अधिकारी महोदय बिजनौर सही से जांच नहीं करवाते हैं तो ग्रामीणों के लिए वह हाईकोर्ट कोर्ट की शरण में जाएंगे।