🔹दोनों सांसद नहीं आ रहे हैं जनता के बीच, बिजनौर में स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल,
🔹जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत, 24 वेंटिलेटर फांक रहे धूल,
Bijnor: कोरोना महामारी को लेकर भले ही प्रदेश सरकार लाख दावे करें लेकिन यह दावे झूठे साबित हो रहे हैं। लगातार अस्पतालों में ऑक्सीजन मरीजों को नही मिलने के कारण जहां मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है तो वही इस महामारी में अस्पताल से सरकारी डॉक्टर भी नदारद है
वैश्विक महामारी कोविड-19 के काल देश के साथ साथ ज़िले में ऑक्सीजन से लेकर बेड और दवाइयों के लिये हाहाकार मचा हुआ है जनता को सहारा दिलासा और मदद देने वाले जनपद बिजनौर के सभी जनप्रतिनिधि सासंद विधायक चेयरमैन व पार्टी के पदाधिकारी गायब है
Bijnor: ज्ञात हो कि देश ही नहीं बिजनौर में भी करोना संक्रमण ने अपना कहर बरपाया हुआ है, इस महामारी में जनता मदद की गुहार लगा रहीं हैं वहीं जनपद बिजनौर के दोनों सांसद अपने क्षेत्र को राम भरोसे छोड़े हुए हैं, इस वैश्विक महामारी के दौर में ज़िले की जनता चाहती है कि बचाव के लिए जनहित में जनप्रतिनिधि से जो भी वर्तमान में जो भी विधायक और सांसद हैं अपने क्षेत्र में एक ऑक्सीजन प्लांट 50 वेंटीलेटर व आरटी पीसीआर जांच लैब अधिकतम सीमा समय 2 हफ्ते में स्थापित कराए ।
सांसद ही नहीं विधायक भी नदारद नजर आ रहे हैं चारो ओर त्राही-त्राही मची हुई है और जनप्रतिनिधियों का कुछ अता पता नहीं है, वहीं सोशल मीडिया पर बिजनौर के जनप्रतिनिधियों की जमकर आलोचना हो रहीं हैं, बिजनौर में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं, लोगो का कहना है अगर ऐसा नही होगा तो क्या जनप्रतिनिधि दोबारा से टिकट मांगने की लाइन में लगेंगे तो अच्छा लगेगा जनता साथ रहेगी। अन्यथा जनता इनका खुला विरोध करेगी।
बिजनौर जिला अस्पताल में कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर नही मिलने के कारण मरीज और उनके तीमारदार परेशान हैं। मरीजों द्वारा ही अस्पताल का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो में एक बेटे ने अपने पिता की मौत की वीडियो भी वायरल कर अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इस वायरल वीडियो को लेकेर स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है
आपको बता दें कि बिजनौर जिला अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर नही मिलने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में साफ तौर से देखा जा सकता है कि ऑक्सीजन सिलेंडर तो जरूर मरीज के पास रखे हैं लेकिन मरीजों और तीमारदारों का आरोप है कि इन सिलेंडरों में ऑक्सीजन नहीं है साथ ही अस्पताल में जिन डॉक्टरों को मरीजों की देखभाल के लिए ड्यूटी पर लगाया गया है वह भी अपनी सीट पर नहीं बैठे हैं
वायरल वीडियो में एक बेटे ने अपने पिता की मौत की वीडियो भी वायरल कर अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वायरल वीडियो में तीमारदारों का आरोप है कि सुबह 7:00 बजे से कोई भी डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं है मरीज राम भरोसे ही अस्पतालों में पड़े हैं।
जब इन मरीजों की समस्याओं को लेकर बिजनौर सीएमओ विजय यादव पर फोन पर संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन तक नही उठाया काफी प्रयास के बाद भी सीएमओ के फोन पर बात नहीं हो पा रही है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना मरीजों को लेकर कितनी सतर्कता बरती जा रही है। कोविड-19 को लेकर भले ही सरकार लाख दावे करें लेकिन यह सारे दावे झूठे साबित हो रहे है
बिजनौर में कोविड मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में रखे 24 वेंटिलेटर धूल फांक रहे हैं। वेंटिलेटर को चलाने के लिए कार्डियोलोजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट और कोई टेक्नीशियन भी नही नही। हैरानी होती है ऐसे सिस्टम पर जहां बिजनौर सीएमओ ने वैटिंलेटर पचास लाख की कीमत से खरीदे लेकिन ये 24 वेंटिलेटर धूल फांक रहे हैं।
पिछले साल कोविड से बचाव के लिये वेंटिलेटर खरीदे तो गये लेकिन कभी चले ही नहीं ऐसा नहीं है कि बिजनौर में करोना पेशेंट्स कम हो इस समय तीन हजार कोरोना मरीज है सरकारी आकडों के अनुसार 75 मरीजों की भी मौत हो चुकी है जबकि हकीकत मे मौतों की संख्या कहीं ज्यादा है। अधिंकाश मरीजों को मुरादाबाद या मेरठ रैफर कर दिया जाता है।
सवाल यह उठता है जब सारी सुविधाएं उपलब्ध है तो स्टाफ की कमी का रोना क्यों गाया जा रहा है
बिजनौर के जिला अस्पताल में कोविड वार्ड में दस वेटिलेटर लगे हुये है लेकिन कोई नहीं चलाया जाता है। वहीं चौदह वेटिलेटर मय बैडो के साथ स्टोर रूम में धूल फाक रहे है।
बिजनौर के जिला अस्पताल के सीएमएस डा.ज्ञान चंद से जब इन वेंटिलेटरो के बारे में जानकारी ली तो साहब ने बताया कि पिछले साल कुल 24 वेटिलेटर खरीदे गये थे। दस वेटिलेटर कोविड वार्ड मे रखे है लेकिन स्टाफ नहीं होने की वजह से चलते नहीं है। वेंटिलेटर को चलाने के लिये स्टाफ नहीं है इस लिये किसी प्राईवेट डाक्टर से उनको चलवाने की बात की जाएगी
बिजनौर से तुषार वर्मा की रिपोर्ट
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