▪️सीयम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के लापरवाह पुलिसकर्मियों पर चलाया चाबुक,
▪️डीयम पर कारवाई नहीं होने से उठ रहे हैं कई सवाल, डीयम पर परीवार के लोगो को डराने धमकाने का आरोप,
▪️Uma Bharti ने यूपी सरकार को घेरा, कहा परिवार-गांव की घेराबंदी ठीक नहीं,
Hathras Case: बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ 14 सितम्बर को सामूहिक दुष्कर्म जैसी वारदात को अंजाम दिया गया तथा पीड़िता की बीते मंगलवार को मौत भी हो गयी है।
इस पूरे प्रकरण के बाद पीड़िता के शव को हाथरस पुलिस ने खुद ही रातों-रात अंतिम संस्कार कर दिया जबकि पीड़िता का परिवार लगातार मांग करता रहा कि शव उनको सौंपा जाए। परंतु हाथरस पुलिस के कान पर जूं न रेंगी
अब मामला बिगड़ता देख कल बृहस्पतिवार को पीड़िता के गांव को छावनी में तब्दील कर दिया था और अब वहां पर न कोई नेता, न कोई मीडियाकर्मी जा सकता है।
इस मामले को कोर्ट में लड़ने में लिए अधिवक्ता सीमा कुशवाहा ने फैसला लिया जो कल गाँव जाकर पीड़िता के परिवारजनों से मिलना चाहती थी लेकिन उनकी भी प्रशासन के साथ तीखी बहस हो गई थी और उन्हें पीड़िता के परिवारजनों से नहीं मिलने दिया गया था,
आपको बताते चले निर्भया मामले में भी यही वकील थी जो केस को लड़ी थी और जीती भी थी और निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा भी हुई थी।
मीडिया कर्मियों पर गांव में जाने के लिए प्रतिबंध लगने के बाद कल हाथरस के जिलाधिकारी पीड़िता के परिवार से मिलने गए थे जिसका एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है वीडियो में डीएम साहब पीड़िता के परिवार को धमकाते हुए नजर आ रहे है । कह रहे है कि आज मीडिया आपके साथ है अगर कल नही होगी तो आप क्या करेंगे। इस प्रकार की बातचीज वीडियो के माध्यम से सुनाई पड़ रही है
तो क्या ये साजिस है कि मीडिया जब गांव के अंदर नही जाएगी तो प्रशासन आराम से उस परिवार के बयान को बदल सकते है
वहीं दूसरी ओर इस केस को कोर्ट में लड़ने के लिए तैयार अधिवक्ता सीमा कुशवाहा जी को भी गाँव के अंदर घुसने नही दिया जा रहा है ।
इस पूरे मामले में विपक्ष भी सरकार पर हावी हो चुका है कल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी व कांग्रेस की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने जा रही थीं। लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें यमुना एक्सप्रेस वे पर ही रोक लिए जिसमे पुलिस की नोंक झोंक में राहुल गांधी जी जमीन पर भी गिर पड़े थे। और वाद में राहुल जी व प्रियंका जी को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है।
वहीं दिल्ली के जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी सहित कई संगठनों ने जमा हो कर इस घटना पर विरोध प्रदर्शन किया,
हाथरस में दलित युवती से कथित गैंगरेप और मौत पर सियासी घमासान तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलने आ रहे राजनेताओं का सिलसिला जारी है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद डेरेक ओ ब्रायन अपने कार्यकर्ताओं के साथ आज हाथरस पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पीड़ित परिवार के गांव के अंदर जाने से रोक दिया।
इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन धक्का मुक्की में नीचे गिर गए। हालांकि फिर तुरंत उन्हें उठा लिया गया। पुलिस और टीएमसी कार्यकर्ताओं में जमकर बहसबाजी भी हुई।तृणमूल कांग्रेस का चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल हाथरास पहुंचा। इसमें शामिल डेरेक ओब्रायन राजसभा सांसद, सासंद डॉ काकोली घोष, प्रतिभा मंडल सांसद और ममता ठाकुर पीड़िता के गांव नही जाने दिया गया। प्रवतिनिधि मंडल ने नारेबाजी की। अधिकारियों से नौक झोंक भी हुई।
इसके बाद धरने पर बैठ गए। टीएमसी सांसदों ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘आखिर यह कैसा जंगलराज है, जहां एक सांसद को एक दुखी परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है।’ उन्होंने पुलिस से कहा कि इस समय उनका दल पीड़िता के परिवार से महज 1.5 किलोमीटर दूर हैं और आगे का सफर वे पैदल ही पूरा करेंगे।इस घटना के बाद टीएमसी नेता ममता ठाकुर ने कहा कि हमने जैसे ही अंदर घुसने की कोशिश की, तो लेडीज पुलिस ने हमारे ब्लाउज पकड़ के रोका, हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया।
इस वाकये के बाद डेरेक ओ ब्रायन रास्ते पर ही धरने पर बैठ गए।वहीं टीएमसी सांसद प्रतिमा मंडल का कहना है कि ‘हमें ममता बनर्जी ने पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए भेजा है ताकि वह हम संवेदना व्यक्त कर सके। हमने अपना परिचय भी दिया, लेकिन हमें उनसे मिलने नहीं दिया गया और पुलिस द्वारा धक्का मुक्की की गई।
अगर वो एक महिला सांसद का सम्मान नहीं कर सकते हैं तो आम लोगों की स्थिति की कल्पना करें।’पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि उन पर सरकारी अधिकारी दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। परिवार ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन अपने बयान बार-बार बदलने बदलने को लेकर दबाव डाल रहा है।
Report by आसिद नजीबाबादी