▪️समर्थन में छत्रिय महासभा,महाराणा प्रताप सेवा समिति ,करणी सेना व अन्य क्षत्रीय संगठनों की बैठक…
Hathras Case: कुछ लोग कहते हैं कि अपराधी की कोई जाति नही होतीं यह कहने वाले आंखे खोलकर देखलो अपराधी कि जाति क्या है और उनके समर्थन में किस जाति के लोग खड़े है.
उत्तर प्रदेश का हाथरस केस. दलित युवती से कथित रेप मामले में जो चार आरोपी हैं, उनके समर्थन में गांव और आस-पास के अगड़ी जाति के लोग एक हो रहे हैं.
Hathras Case: बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ 14 सितम्बर को सामूहिक दुष्कर्म जैसी वारदात को अंजाम दिया गया तथा पीड़िता की बीते मंगलवार को मौत भी हो गयी है।
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक- पीड़िता के गांव बूलगढ़ी से करीब 500 मीटर की दूरी पर दो अक्टूबर, शुक्रवार को सैकड़ों लोग जमा हुए.
अधिकतर अगड़ी जाति से थे. ये एक महापंचायत किस्म की बुलाई गई थी. आम राय ये बनी कि चारों आरोपियों को फंसाया जा रहा है और इस मामले को जातिगत रूप दिया जा रहा है. इस वजह से सभी ने फैसला किया कि आरोपी युवकों का पक्ष रखा जाएगा और गांव में फिलहाल किसी भी बाहरी को आने नहीं दिया जाएगा. यहां जुटे लोगों ने ये भी कहा कि वे जांच से संतुष्ट नहीं हैं. जांच के विरोध में प्रदर्शन भी किया. एक स्थानीय पत्रकार का ये ट्वीट देखिए.
वरिष्ठ पत्रकार wasim Akram Tyagi ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी साझा करते हुए लिखा है कि हाथरस में पीड़िता के गाँव से करीब एक किलोमीटर दूर यह भीड़ आरोपियों में समर्थन में इकठ्ठा हुई है। इनका कहना है कि आरोपियों को गलत फंसाया जा रहा है और स्वर्ण बनाम दलित राजनीति का खेल खेला जा रहा है। कठुआ में भी ऐसा ही हुआ था, अब वैसा ही हाथयस मामले मे हो रहा है, 👇
हाथरस में पीड़िता के गाँव से करीब एक किलोमीटर दूर यह भीड़ आरोपियों में समर्थन में इकठ्ठा हुई है। इनका कहना है कि आरोपियों को गलत फंसाया जा रहा है और स्वर्ण बनाम दलित राजनीति का खेल खेला जा रहा है। कठुआ में भी ऐसा ही हुआ था, अब वैसा ही हाथयस मामले मे हो रहा है#BharatAtIndiaGate pic.twitter.com/lckJeZpB0v
— Wasim Akram Tyagi (@WasimAkramTyagi) October 2, 2020
जहाँ हाथरस प्रशासन की ओर से पत्रकारों और देश के गणमान्य लोगों को जाने की इजाजत नहीं है, वहाँ इस पंचायत के होने के बाद सवाल तो खड़े होने ही है,
पंचायत की वायरल विडियो