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अस्पताल में बच्चा ना होने की सूचना पर परिजनों ने जमकर किया हंगामा

सात माह की गर्भवती महिला को प्रसव के दौरान बच्चा ना होने की सूचना पर परिजनों ने जमकर किया हंगामा

नहटौर। प्रसव के लिये आई जच्चा की डिलीवरी के बाद चिकित्सक ने बच्चा पैदा होने से ही इंकार कर दिया। यह बात सुन जच्चा के परिजन दंग रह गये और उन्होने हास्पिटल प्रशासन पर बच्चा चोरी कर बेचने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। बढ़ते हंगामे को देखते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी महावीर सिंह राजावत आस पास के आधा दर्जन थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। सख्ती से की गई पूछताछ में करीब दस घंटे के बाद अस्पताल प्रशासन ने भ्रूण होने की बात स्वीकारी। पुलिस ने महिला चिकित्सक एवं स्टाॅफ नर्स को हिरासत मे लेते हुए पंचनामा भर भ्रूण को पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है।
प्राप्त समाचार के अनुसार नगर के मौहल्ला छापेग्रान निवासी तेजवीर पुत्र महेन्द्र सिंह की पत्नी ललिता सात माह की गर्भवती थी। परिजनों के अनुसार रविवार की प्रातः छः बजे दर्द होने पर प्रसव के लिये उसे परिजन सीएचसी ले गये जहां पर मौजूद कर्मचारी ने उन्हे निजी चिकित्सक कोतवाली रोड़ स्थित पाल नर्सिंग होम भेज दिया। जहंा पर उपस्थित स्टाफ नर्स स्वाती उसे अन्य स्टाफ की मदद से डिलीवरी रूम ले गई। कुछ देर बाद महिला चिकित्सक के रूप मे डा0 उर्मिला ने डिलीवरी कराई। आरोप हैं कि जब जच्चा व परिजनों ने बच्चे को देखना चाहा तो चिकित्सक ने बच्चा पैदा न होने की बात कही जिस पर वह दंग रह गये। सात माह की जच्चा के बच्चा होने से इंकार करने का पता लगने पर सैकड़ो की तादाद में जच्चा के परिजन रिश्तेदार और मौहल्लेवासी अस्पताल पहुंचे और उन्होने चिकित्सक पर बच्चा बैचने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। प्रातः 6 बजे से शुरू हुआ हंगामा देर सांय तक चला। इस बीच मौके पर भगीरथ सैना के प्रदेश अध्यक्ष मदन सैनी, मण्डल अध्यक्ष सुरेश सैनी, जिलाध्यक्ष बाला सैनी, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष करन सैनी, नामित सभासद व भाजपा नेता रविन्द्र सैनी, वार्ड सभासद श्रवण सैनी भी पहुंचे और उन्होने अस्पताल प्रशासन से वार्ता की लेकिन चिकित्सक बच्चा न होने की बात पर अडिग रही। मौके पर पहुंचे शहर इंचार्ज आशीष तोमर ने अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटैज खंगाले। जिसमें स्टाफ नर्स स्वाती ने जच्चा को रिक्शा से उतारा और जच्चा ने पेट पकड़कर अस्पताल के अन्दर प्रवेश किया जिसके बाद उसे नर्स अन्य स्टाफ की मदद से स्ट्रेक्चर पर लेटाकर डिलीवरी रूम में ले गई। चिकित्सक द्वारा बच्चा होने को स्वीकार न करने पर गुस्साये परिजनों सहित मौके पर मौजूद सैकड़ों लोगों ने उनका बच्चा दिलाने तथा अस्पताल प्रशासन पर कार्यवाही किये जाने को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। अस्पताल में हंगामे की सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक महावीर सिंह रजावत और हल्दौर, धामपुर, नूरपुर, कोतवाली देहात सहित अन्य थाने का पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गया। पुलिस अधिकारियों ने परिजनों से वार्ता की और उन्हे समझााने का प्रयास किया लेकिन परिजन अस्पताल प्रशासन पर बच्चा चोरी कर बेचने का आरोप लगाते रहे। करीब 10 घंटे के बाद जब पुलिस ने चिकित्सक से कड़ाई से पूछा तो चिकित्सक ने महिला को भू्रण होना स्वीकार किया। जिस पर पुलिस ने महिला चिकित्सक डा0 उर्मिला और स्टाॅफ नर्स स्वाती को हिरासत मे ले लिया है। पुलिस उपाधीक्षक महावीर सिंह रजावत ने बताया कि तहरीर के आधार पर रिर्पोट दर्ज की जा रही है। भ्रूण को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है।आरोपी उर्मिला सीएचसी में एएनएम पद पर तैनात है
जच्चा के परिजनों ने जिस चिकित्सक डा. उर्मिला पर महिला की डिलीवरी कराने का आरोप लगाया है। वह चिकित्सक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एएनएम है। जच्चा के परिजनों ने बताया कि वह प्रसव के लिए जच्चा को पहले सीएचसी केन्द्र ले गये थे लेकिन वहां मौजूद कर्मचारी ने कोरोना का हवाला देते हुए भर्ती न करने और पाल नर्सिंग होम ले जाने को कहा था जिसके बाद वह पाल नर्सिंग होम पहुंचे थे। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. गुरूचरण ने डा. उर्मिला के एएनएम होने की पुष्टि करते हुए बताया है कि जच्चा सरकारी अस्पताल नही आई थी।पीड़ित परिजनों ने डीएनए टेस्ट की मांग की परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर बच्चा चोरी कर बेचने का आरोप लगाते हुए भु्रण का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है। परिजनों का यह भी आरोप हैं कि हमारा बच्चा जीवित है। दबाव बनाने पर अस्पताल प्रशासन ने भ्रूण होना स्वीकार किया है। हो सकता है कि यह किसी और का हो। उन्होने अस्पताल प्रशासन पर स्टाफ की मिली भगत से बच्चे की खरीद फरोख्त कर करोड़ों रूपये कमाने के गंभीर आरोप लगाये है।आरोपी उर्मिला के पुत्र ने बच्चा बैचने के आरोप को गलत बताया
आरोपी चिकित्सक डा0 उर्मिला पाल के पुत्र बाल रोग विशेषज्ञ डा0 निश्चल पाल ने बताया कि सैकड़ों की तादाद में अस्पताल में मौजूद लोगों द्वारा हंगामा करने से वह घबरा गये थे और उन्होने बच्चा होने से ही इंकार कर दिया था। भारी पुलिस फोर्स आने के बाद उन्होने भ्रूण होने की बात स्वीकार की है। उन पर बच्चा बैचने का आरोप गलत व बेबुनियाद है।

रिपोर्ट आसिद नजीबाबादी

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