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कोरोना महामारी में जमाखोरी और कालाबाजारी कर रहे व्यापारियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की मांग हुईं तेज़

🔹नजीबाबाद एसडीएम ने व्यापारियों संग बैठक कर किया आगाह,

बिजनौर में बढ़ते कोरोना संक्रमण और फुल लाॅकडाऊन की आशंकाओं के बीच रात्रि कोरोना कर्फ्यू लागू होते ही शुरू हो गयी है कालाबाजारी समाजसेवियों और समाजिक लोगों ने प्रशासन से लगाई ऐसे व्यापारियों पर कार्रवाई करने की गुहार,

तैय्यब अली ने लिखा है कि क्या बिजनौर के जमाखोरो और कालाबाजारी करने वालो को ब्लैक करने का इंतजार एक त्यौहार की तरह रहता है जरा दो मिनट का मौन उन दुकानदारो के लिए रखे जो 50 रुपये की वस्तु 100 रुपये मे बेच रहे हैं क्योंकि उनकी आत्मा तो मर चुकी है

पूरे भारत में जितने भी जमाखोर और मुनाफाखोर हैं उनकी तुलना में जनपद बिजनौर के मुनाफाखोर सबसे ज्यादा अवसरवादी और घटिया किस्म के चोर हैं यह शब्द इस लिए लिख रहा हूँ क्योंकि घरेलू सामान सहित बीड़ी गुटका सिगरेट पान मसाला आदि सेवन करने वालों की जेब पर डाका डाल रहे हैं यह हरामखोर जमाखोर कोरोना महामारी में कोई भी व्यक्ति यदि गलत फ़ायदा उठाता है

चाहे वह नेता डॉक्टर दुकानदार या बड़ा व्यापारी जमाखोर कोई भी हो उसको ऊपर वाला कभी माफ नहीं करेगा उसको जिंदा रहते हुए ही धरती पर इसका हिसाब किताब देना होगा मेरा तो यही सुझाव है कि अपना कर्म मदद में लगाओ पैसा कमाने के और मौके मिलेंगे सरकारी तंत्र और प्रशासन से निवेदन है कि बिजनौर मे जमाखोर सक्रिय हो चुके है इनसे जनता परेशान हो चुकी है और ज्यादा परेशान ना हो तो इन जमाखोरो कालाबाजियो का उचित ख्याल रखे

कोरोना काल में व्याप्त महंगाई से आम जानता कराह रही है जीना मुहाल हो गया है रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल सब्जी और दलहन में 30-40 % रेट अधिक वसूला जा रहा है सरकारी नौकर और पेंशन धारको को छोड़ कर समाज का लगभग हर तबका भयंकर आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है एक-एक पैसा जुटाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही हैं

ऐसे में आम आदमी की जरुरत की हर चीजों के दाम सरकार के गलत फैंसलो के चलते आसमान छू रहे हैं पूंजीपतियों और जमाखोरो कि वजह से आवश्यक वस्तु अधिनियम की सूची से खाद्य पदार्थ और अनाज, तेल, दलहन जैसी आवश्यक जरुरत की वस्तुओं की काला बाजारी शुरू हो गयी है इन वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे है दालें 120 रुपये से 150 में बिक रही हैं खाद्य तेल के दाम भी आम आदमी की पहुंच से बाहर
हो चुका है आज जहां आम आदमी आर्थिक रूप से टूट गया है एक एक पैसे जोड़ कर जैसे-तैसे घर चला रहा है ऐसे में सरकार जनित कमर तोड़ महंगाई जिसमे पूंजीपतियों और धन्नासेठों के लिए आपदा में अवसर साबित हो रहा है

बिजनौर के जमाखोर गिद्ध अब लॉकडाउन के इंतजार में हैं कब लॉकडाउन लगे और गरीब आम लोगों को नोंचना शुरू करें जमाखोर खासतौर से गुटखा व्यापारी लाॅक डाउन की संभावनाओं को देखते हुए व्यापारियों ने गुटखा पान मसाला के दाम बढ़ा दिए हैं पांच बिकने वाला घुटका 7 से 8 रूपए तक का बेचा जा रहा है

रोज़मर्रा चीज़ों के दाम आसमान छू रहे चीनी आटा, सरसों का तेल को ऊंचे दामों पर बेचना शुरू कर दिया न कोई रोक न कोई प्रतिबंध हे और ना ही कोई आने की जाने पर पाबंदी है इसके बावजूद भी थोक व्यापारियों ने लॉक डाउन की संभावनाओं को देखते हुए गुटखा व अन्य सामान अपने अपने गोदामों में जमा कर लिया है ओर ओवर रेट में बेच रहे है गुटके का जो पैकेट 120 का होता था 150 का बेच रहे हैं यह जमाखोर प्रशासन कि आंखों में भी धूल झोंक रहे हैं और पब्लिक को डरा रहे हैं कि लॉक डाउन लगने वाला है।

प्रशासन को चाहिये पूंजीपतियों और धन्नासेठों पर सख्त कार्यवाही करते हुए अवश्यक वस्तु की महंगाई पर प्रभावी अंकुश लगाये और उसे नियंत्रण में लाये जिससे रोजमर्राह कि चीजे आम आदमी की पहुँच तक पहुच सके

प्रस्तुति———तैय्यब अली

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