🔹मेरठ से दिल्ली का 3 घंटे का सफर अब 45 मिनट में होगा पूरा जानिए क्या है स्पीड लिमिट और कैसे होगी टोल की वसूली,
Uttar Pradesh: काफी लंब समय से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस के खुलने का इंतजार अब खत्म हो गया है दिल्ली से मेरठ का सफर आज से आसान होने जा रहा है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को जनता के लिए आज से खोल दिया गया है. अभी तक सहारनपुर देहरादून उत्तराखंड जाने के लिए मोदी नगर, मुरादनगर जैसे जाम भरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता था.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को दिल्ली से जोड़ने की कवायद वर्ष 2008 से शुरू हुई थी. 2014 में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का काम तेजी से शुरू कर दिया वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी
इस एक्सप्रेसवे पर कार को 100 किमी प्रतिघंटे और मालवाहक वाहनों को 80 किमी प्रति घंटे अधिकतम की स्पीड से चलने की परमिशन होगी। दिल्ली से डासना तक यह एक्सप्रेसवे 14 लेन का है, जबकि डासना से मेरठ तक यह 6 लेन का हो जाएगा।
ये एक्सप्रेसवे देश का पहला एडवांस एक्सप्रेसवे होगा, जहां चलती गाड़ी से टोल टैक्स कट जाएगा. हर आठ से 10 किमी की दूरी पर एक्सप्रेसवे की प्रत्येक ले के ऊपर डिस्प्ले लगाई गई, जिस पर चलते हुए वाहन की गति को देख सकेंगे. इस एक्सप्रेसवे पर चलती गाड़ी से टोल टैक्स कट जाएगा। यहां दो तरह से टोल टैक्स की वसूली होगी।
हाई सिक्यॉरिटी नंबर प्लेट कैमरे से रीड करके टोल वसूली होगी। फास्टैग से पैसा कट जाएगा। यदि किसी वाहन में एचएसआरपी नहीं है तो उसके नंबर को रीड करने के बाद घर पर चालान भेजा जाएगा। इसके अलावा दूसरे तरीके से टोल टैक्स की वसूली नाके पर फास्टैग के माध्यम से की जाएगी।
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि यूपी गेट से डासना तक आने के बाद जब हम मेरठ वाले ग्रीन एक्सप्रेसवे पर चढ़ेंगे तो हमें पांच लेन मिलेंगे, यदि उतरते हैं तो भी पांच लेन ही मिलेगा। जाम से राहत के लिए टोल बूथ में 100 मीटर की दूरी रखी गई है। पहले दो लेन के दो बूथ बनाए गए हैं। उसके बाद कुछ दूरी पर चलकर तीन लेन के टोल बूथ बनाए गए हैं।
इस एक्सप्रेसवे की खासियत ये है कि ये पूरी तरह सिग्नल फ्री है। एक्सप्रेस वे पर कुतुब मीनार, अशोक स्तंभ जैसे स्मारक चिह्न भी लगेंगे। एक्स्प्रेसवे के दोनों तरफ वर्टिकल गार्डन विकसित होंगे। एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ ढाई मीटर का साइकिल ट्रैक भी है। ऊर्जा की बचत के लिए सोलर सिस्टम से जलने वाली लाइटें भी है 10 इमरजेंसी कॉल बूथ लगाए गए हैं।
कंट्रोल रूम से 10 मिनट से सहायता मिलेगी साथ ही पैनिक बटन लगाया जा चुका है। किसी प्रकार की जरूरत हो तो इसका प्रयोग करके मदद मांगी जा सकती है। इस के चारों चरणों में 90 अंडरपास, 38 पुल, फ्लाईओवर एवं आरओबी, 8 एफओबी, 4874 लाइट्स और 197 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए – प्रॉजेक्ट की कुल लागत-8346 करोड़ प्रॉजेक्ट की कुल लंबाई-82.01 किमी है
यूपी गेट से डासना वाले हिस्से में आने वाले चिपियाना के पास रेलवे के ऊपर तैयार किए जा रहे पुल में अभी छह महीने से अधिक समय लगने की संभावना जताई जा रही है। यहां पर काम को तीन हिस्से में बांटकर किया जा रहा है। जब तक यहां पर काम चलेगा तब तक ट्रैफिक को पुराने पुल के माध्यम से निकाला जाएगा। जब तक यह आरओबी बन नहीं जाता है तब तक यहां पर कुछ जाम की समस्या हो सकती है।
दिसंबर 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस प्रॉजेक्ट की आधारशिला रखी थी। तब तीन साल के अंदर यानी नवंबर 2019 तक काम पूरा करने की डेडलाइन तय की गई थी। निजामुद्दीन से यूपी गेट का काम सबसे पहले पूरा हुआ। फिर 30 सितंबर 2019 से डासना से हापुड़ वाले हिस्से का काम पूरा किया गया, लेकिन यूपी गेट से डासना और डासना से मेरठ वाले हिस्से के काम को पूरा करने में 16 महीने का अधिक समय लग गया।
आप को बता दें कि बिजनौर से दिल्ली जाने वालें यात्रियों को अक्सर मेरठ में जाकर जाम का सामना करना पड़ता था, जिससे अब राहत मिलेगी, दरअसल बिजनौर से मेरठ जाना आसान है और मेरठ से दिल्ली तक कई जगह मुश्किलों का सामना करना पड़ता था,
जनता के लिए खुला दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, 3 घंटे का सफर अब 45 मिनट में होगा पूरा… आप यह पूरी रिपोर्ट हमारे यू टयूब चैनल Bijnor Express पर भी देख सकते हैं,
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