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पूजा हॉस्पिटल में निकला कोरोना का मरीज, हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती था मरीज ।

पूजा हॉस्पिटल में पीलिया का इमरजेंसी मरीज आया था जिसको आईसीयू में भर्ती करा गया था।

मरीज की हालत बिगड़ने की वजह से मेरठ रेफर कर दिया गया था जहाँ उसकी उसकी मृत्यु हो गयी थी।

जब पूजा हॉस्पिटल को इसकी जानकारी हुयी तो तुरंत डॉ० संदीप ने हॉस्पिटल को 48 घण्टे के लिए बंद कर पूरे हॉस्पिटल को सेनेटाइजर कराना शुरू करा दिया था।

नजीबाबाद । कोरोना संक्रमित एक मरीज नगर के प्रसिद्ध अस्पताल में अपना इलाज कराता रहा और किसी को कानों कान तक खबर नहीं हुई । रेफर के बाद मेरठ में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई । मौत के बाद महिला में कोरोना की पुष्टि हो जाने पर हड़कंप मच गया । प्राइवेट अस्पताल को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया ।

जानकारी के अनुसार नगीना से ओमवती नाम की एक महिला पिछले चार-पांच दिन पहले नगर के प्रसिद्ध पूजा अस्पताल में भर्ती हुई । भर्ती हुई महिला को पीलिया बीमारी से ग्रसित थी। इमरजेंसी की वजह से मरीज को सीधे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया । महिला का डॉक्टर और स्टाफ ने जमकर इलाज किया लेकिन तबीयत ज्यादा खराब हो जाने पर मेरठ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया । मेरठ में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई । महिला की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आ जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया । नगर के पूजा अस्पताल को 48 घंटे के लिए बंद करते हुए सैनिटाइजेशन का काम शुरू हो गया है ।

डॉ० संदीप कुमार का कहना है:-

पूजा अस्पताल में भर्ती हुए मरीज के कोरोना पॉजिटिव आने की खबर को लेकर डॉक्टर संदीप कुमार का कहना है कि महिला एक दिन के लिए भर्ती हुई थी । अस्पताल को बंद रखकर सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सम्पर्क में आये समस्त स्टाफ को कल सीएचसी पर कोरोना की सेम्पलिंग करायी जाएगी।

निजी अस्पतालों के सामने आ रही समस्या:-

गौरतलब है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते निजी अस्पतालों में कोरोना का टेस्ट की व्यवस्था ना होने की वजह से इमरजेंसी मरीजों के भर्ती करने पर बहुत बड़ी समस्या आ रही है, अगर मरीज की हालत देखकर मरीज को भर्ती कर लिया जाए और भविष्य में वह कोरोना पॉजिटिव आये तो हॉस्पिटल की हालत खराब

यदि मरीज की हालत बहुत नाजुक है और किसी हॉस्पिटल चले जाएं तो उसकी कोरोना टेस्ट के लिए रेफर करा जाए या पहले उसका इलाज किया जाए। अतः प्रशासन/शासन को निजी अस्पतालों में कोरोना टेस्ट की व्यवस्था का होना बहुत जरूरी है।

प्राइवेट अस्पतालों में चल रही बड़ी लापरवाही:-

कुछ प्राइवेट अस्पताल बिना कोरोना की जांच पड़ताल के ही मरीजों को धड़ल्ले से भर्ती किया जा रहा है । धन के चक्कर में लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है । जब तक मरीज की रिपोर्ट आती है तब तक न जाने अस्पताल में आने- जाने वाले कितने मरीज संक्रमित के संपर्क में आ जाते हैं । अगर प्राइवेट अस्पतालों पर इस और ध्यान नहीं दिया गया तो भयंकर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। प्रशासन को ऐसे हॉस्पिटल पर लगाम लगाने की व्यवस्था बनानी चाहिए।

नजीबाबाद रोडवेज कर्मचारियों के साथ-साथ सरकारी अस्पताल से भी एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकला है । सरकारी अस्पताल को भी 2 दिन बंद रखकर सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जा रहा है । जब स्वास्थ्य से जुड़े कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आने लगेंगे तो स्वास्थ्य सेवाओ में परेशानियों का सामना उठाना पड़ेगा ।

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