🔹सार्वजनिक जगहों पर महिलाओ के लिए सुरक्षित और हिंसामुक्त बनाने में बायस्टेंडर की भूमिका महत्वपूर्ण:-ब्रेकथ्रू इंडिया
🔹इस संस्था द्वारा बायस्टेंडर की भूमिका और व्यवहार पर स्टडी की गयी,
नई दिल्ली में आज महिलाओं के खिलाफ हिंसा को अस्वीकार्य बनाने के लिए काम करने वाली संस्था ब्रेकथ्रू इंडिया ने आज बायस्टेंडर बिहेवियर पर अपनी पहली स्टडी को जारी किया है,
इस सर्वे का उद्देश्य उन दर्शकों या उन लोगों के विचारोंऔर अनुभवों को समझना था जो सार्वजनिक और निजी स्थानों में हिंसा के गवाह होते हैं और वो कैसे हस्तक्षेप करते हैं या नहीं और दोनों स्थितियों में उनका व्यवहार और उसके पीछे के कारण क्या है? यह सर्वे ऊबर इंडिया और आइकिया फाउंडेशन के समर्थन से जुलाई-अगस्त और सितंबर-अक्टूबर 2020 तक दो चरणों में किया गया।
2020 में ऊबर ने ग्लोबल ड्राइविंग चेंज कार्यक्रम के अन्तर्गत सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित बनाने के लिए ब्रेकथ्रू के साथ साझेदारी की थी।
इसी के तहत ब्रेकथ्रू https://breakthroughprize.org ने उबर के साथ मिल कर सार्वजनिक जगहों से लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने और बायस्टेंडर को हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित करनके लिए इग्नोर नो मोर कैंपेन शुरू किया था।
यह कैंपेन इस बात पर जोर देता है कि हिंसा के वक्त मौजूद लोग मूक दर्शक न बने रहकर आगे बढ़कर हिंसा को रोकने के लिए हस्तक्षेप करें और बदलाव के वाहक बने
🔹इस साझेदारी ने बायस्टेंडर के व्यवहार को समझने केलिए एक सर्वे की जमीन तैयार की।
बायस्टेंडर इंटरवेंशन एक रणनीति है जो निजी और सार्वजनिक जगहों पर हिंसा को देख-सुन रहे लोगों को आगे बढ़कर उसमें हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित करता है।
721 लोगों से ऑनलाइन सर्वे और 91 लोगों से सीधे इंटरव्यू के माध्यम से की गई इस स्टडी में बिहार,हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड, तेलंगाना राज्यों के लोग शामिल थे।
अधिकांश प्रतिभागियों, विशेष रूप से महिलाओं, ने हिंसा को एक व्यापक शब्द के रूप में पहचाना, जिसमें शारीरिक, मानसिक, मौखिक और यौन शोषण शामिल थे।
यह सर्वे इस बात पर भी रोशनी डालता है कि कैसे पितृसत्तात्मक प्रथाएं हमारे समाज में घर कर चुकी है और हमारे दिन-प्रतिदिन खराब होते मानसिक स्वास्थ्य का सीधा संबध पितृसत्तात्मक प्रथाएं से है।
सर्वे के निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए, सोहिनी भट्टाचार्य, अध्यक्ष और सीईओ, ब्रेकथ्रू ने कहा, “हमारे लिए पॉजिटिव बायस्टेंडर एक्शन को बढ़ावा देना हमेशा महत्वपूर्ण रहा है यही वजह है कि आज हम आप से इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं।
ऐसे अभियानों को शुरू करने में ब्रेकथ्रू का उद्देश्य यह है कि लोग महिला हिंसा को निजी मामला न मानते हुए समुदाय का मुद्दा माने और एक साझा जिम्मेदारी लेंऔर सामुदायिक कार्यवाही करें
सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि महिलाओं के लिए सुरक्षित सार्वजनिक स्थानों के निर्माण के लिए कई संरचनात्मक और प्रणालीगत स्तरों पर काम करने कीआवश्यकता है।उनके बीच का एक महत्वपूर्ण पहलू बायस्टेंडर का समर्थन भी है, बायस्टेंडर में सकारात्मक कार्रवाई की कमी सिर्फ इसलिए नहीं है क्योंकि वे परवाह नहीं करते हैं हिंसा के लिए दोषी ठहराए जाने का डर, पुलिस और कानूनी प्रक्रियाओं में फंसना कुछ ऐसी चुनौतियां हैं जो लोगों को दख़ल देने से रोकती हैं।
ऐसी स्थितियों में क्या करना है, यह न जानना भी लोगों को हिंसा को रोकने में दख़ल देने से रोकती है।
ऊबर के हेड ऑफ ड्राइवर,सप्लाई व सिटी आपरेशन्स(भारत व दक्षिण एशिया) पवन वैश ने कहा कि ब्रेकथ्रू के साथ साझेदारी की वजह से बायस्टेंडर पर यह विस्तृत रिपोर्ट बन सकी है, हम आशा करते हैं कि इस रिपोर्ट के माध्यम से हमारे साझा कैंपेन #IgnoreNoMore को और ताकत मिलेगी।
ब्रेकथ्रू जैसी उत्कृष्ट संस्था के साथ मिलकर हमें उम्मीद है कि एक बेहतर और सुरक्षित दुनिया बनाना जो कि हमारे वैश्विक ड्राइविंग चेंज प्रोग्राम का उद्देश्य भी है,उसे पूरा कर सकते हैं।
ब्रेकथ्रू जैसी उत्कृष्ट संस्था से ऊबर सदैव प्रेरणा व सलाह लेता रहता है कि कैसे महिलाओं के लिए सुरक्षित और हिंसा मुक्त समाज बनाया जा सकता है।
· 54.6% उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने सार्वजनिक स्थान पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटना को रोकने में हस्तक्षेप किया है।
· 55.3% उत्तरदाताओं ने हिंसा का सामना करने वाली महिला / लड़की की परेशानी को देखा।
· 67.7% उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके हस्तक्षेप से हिंसा रुक गई। लोग हस्तक्षेप क्यों करते हैं?
सर्वेक्षण में पाया गया कि सही ’काम करने का आग्रह’अक्सर दर्शकों को हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित करता हैं
कुछ उत्तरदाताओं ने यह भी बताया कि कि वे बाल यौन शोषण और घरेलू हिंसा के शिकार हुए थे। लेकिन वे उस समय वह अपने साथ उनका शोषण करने वाले का विरोध नहीं कर सकते थे।
यह उनका अपने साथ हुई घटना के खिलाफ एक गुस्सा था जिसने उन्हें बाद में उनके जीवन में हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित किया उत्तरदाताओं ने यह भी कहा कि लैंगिक मुद्दों के बारे में बेहतर जानकारी और जागरूकता ने भी उन्हें हिंसा को रोकने में मदद की
Report by Bijnor express