▪️ट्वीट वायरल होने के बाद बिजनौर पुलिस ने किया खंडन आरोपी ने भी डिलीट किया ट्वीट,
▪️Alt News के वायरल चैक में भी यह जानकारी फर्जी निकली
फ़ैक्ट-चेक : UP के मदरसे से बरामद हुआ हथियारों का जखीरा, दंगे की साज़िश हुई नाकाम?
Bijnor: बिजनौर निवासी jitendra meena ने 8 नवम्बर को अपने ट्विटर हैंडल पर एक फर्जी पोस्ट करतें हुए मदरसों को निशाना बनाते हुए मदरसे बंद करने की मांग की थी, जिसके बाद यह फोटो और जितेंद्र मीना का यह ट्वीट आग की तरह से वायरल हो गया पक्ष विपक्ष में ट्वीटो की बौछार हो गई,
ज्यादातर लोग बिजनौर पुलिस को टैग कर रहे थे इसलिए पुलिस का पक्ष भी आया और बिजनौर पुलिस ने इस खबर का खंडन करते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी की,
कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड करते हुए लिखा गया, “बिजनौर, यूपी के एक मदरसे से बरामद हजारों गन, तलवारों समेत हथियारों का जखीरा। मदरसे के संचालक समेत 6 लोग गिरेफ्तार। बड़े पैमाने पर दंगा कराने की साजिश थी। भूल गए कि बिजनौर यूपी में है और सीएम हैं योगी। अब सभी मदरसों को बंद करने की मांग उठने लगी है। कोई नहीं बेचेगा,
Alt News के फ़ैक्ट-चेक में पता चला है कि यूपी के बिजनौर ज़िले की मस्जिद में हथियार मिलने की बात सच है. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, “पुलिस ने 10 जुलाई, 2019 को अवैध हथियार की एक टिप मिलने के बाद मदरसा दारुल कुरआन हमीदिया में रेड मारी थी और 8 कार्ट्रिज वाली .32 बोर की पिस्तल, 16 कार्ट्रिज का .32 बोर वाला एक तमंचा और 16 कार्ट्रिज वाले .315 बोर के 3 तमंचे समेत पांच हथियार बरामद किए थे.”
लेकिन वायरल हो रही 4 तस्वीरों में से केवल एक ही इस घटना से जुड़ी है.
बिजनौर पुलिस के मुताबिक, बरामद किये गये हथियार अवैध हथियार रैकेट का हिस्सा थे. इस मामले में जुलाई 2019 में 6 लोगों की गिरफ़्तारी हुई थी.
ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया और हमें टम्बलर (Tumblr) पर पब्लिश की हुई एक फ़ोटो मिली. इसे मार्च 2019 में पोस्ट किया गया था. चूंकि बिजनौर में जुलाई, 2019 में हथियार बरामद हुए थे इसलिए मार्च 2019 में पब्लिश हुई फ़ोटो उससे जुड़ी नहीं हो सकती.
ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया और शामली पुलिस का एक ट्वीट मिला जिसमें ये तस्वीर दिखाई देती है. इस ट्वीट के मुताबिक, एक मदरसे में छापा मारने के बाद वहां से नाजायज़ दस्तावेज़, विदेशी मुद्रा और मोबाइल फ़ोन्स बरामद हुए थे. इस ट्वीट में छापे की कार्रवाई के बाद गिरफ़्तारी की तस्वीरें हैं. ये घटना भी जुलाई 2019 की है.
ये तस्वीर गुजरात के राजकोट की है. इसमें दिख रही तलवारें मदरसे से नहीं, बल्कि अहमदाबाद-राजकोट हाईवे पर एक होटल से बरामद हुई थी. ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी इसका फै़क्ट-चेक किया था.
यानी शेयर की जा रही सभी तस्वीरें अलग-अलग घटनाओं की हैं और सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा ग़लत है.
साभार Alt News
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