Bijnor: कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हुए घोटाले को लेकर बिजनौर बीएसए ने इस घोटाले को नकार दिया है। बिजनौर बीएसए महेश चंद का कहना है कि शासन द्वारा इस घोटाले की जांच कराई जा रही है
साथ ही जिले में 14 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हैं जिनके खुलने के लिए 6 से 7 फरवरी के बीच में 2 महीने के खर्च के लिए एक करोड़ 20 लाख रुपए आए थे। जिसमें की विभाग द्वारा जिले में बने 14 आवासीय बालिका विद्यालय में कुल 74 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
इन आवासीय बालिका विद्यालय में रहने वाली बच्चियों के पठन-पाठन की सामग्री और उनके अन्य सामानों के लिए इन धनराशि को बच्चियों के स्कूल आने से पहले ही मंगवाकर उनकी व्यवस्था करने के लिए खर्च किया गया था
स्कूल की बच्चियां करीब 16 से 17 मार्च तक स्कूल में रही है। वही बालिका विद्यालय के वार्डनो द्वारा मिशन प्रेरणा पोर्टल पर प्रतिदिन प्रोग्रेस रिपोर्ट सबमिट ना करने के कारण यह समस्या आई है जिले के बीएसए विभाग में कोई भी घोटाला नहीं हुआ।
बिजनौर ज़िले की अगर बात करे तो कस्तूरबा बालिका विद्यालयों की कुल संख्या 14 है। अभी हाल ही में महानिदेशक स्कूल शिक्षा एव राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तर प्रदेश लखनऊ से जारी पत्र में बड़ा खुलासा हुआ है
जिसमे कई ज़िलों के साथ बिजनौर में भी 74 लाख से ज़्यादा गोलमाल उजागर हुआ है। कोरोना काल में बंद स्कूल में न तो बच्चे ही थे न कोई स्टाफ ही था बल्कि कागज़ो में भोजन, मेडिकल केयर, स्टेशनरी के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों का घोटाला उजागर हुआ
कैमरे के सामने बिजनौर डीएम रमाकांत पांडेय भी कुछ भी बताने को तैयार नही है। उधर कस्तूरबा बालिका विद्यालय धर्मनगरी स्कुल की वार्डन नीतू बंसल कैमरा देख कर भड़क गयी और बोली कैमरे के सामने कुछ नहीं बताऊँगी। घोटाले की बात गलत है
बिजनौर से तुषार वर्मा की रिपोर्ट
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