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बिजनौर के धामपुर में लव जिहाद मामले में फंसाये गये शाकिब को मिली जमानत

🔸मानवाधिकार संगठन NCHRO ने की थी कानूनी मदद,

Bijnor: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक मुस्लिम युवक को पिछले साल दिसंबर में उसकी साथी, जो एक दलित लड़की थी, के साथ मारपीट और पिटाई के बाद जेल में डाल दिया गया था

पीड़ित शाकिब

लड़के और लड़की दोनो को एक भीड़ ने लाठियों से पीटा, और यह पता लगने के बाद की दोनो अलग-अलग धर्मों के हैं, उन्हें भीड़ पुलिस थाने ले गई थी,

बाद में, लड़के पर एंटी कन्वर्जन कानून के साथ-साथ अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी) अधिनियम और प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज (POCSO) के तहत मामला दर्ज किया गया था

मानवाधिकार संगठन, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन के यूपी अध्याय द्वारा मामले को बारीकी से देखा जा रहा था। संगठन के यूपी ईकाई के महासचिव, एड. मसरुफ कमाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि युवक को गलत तरीके से कैद किया गया था।

पीड़ित की माँ और उसका घर

उत्तर प्रदेश राज्य समिति के सदस्य, एड. रमेश कुमार, जो इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एडवोकेट हैं, मामले को बारीकी से देख रहे थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 जून 2021 को आरोपी लड़के को जमानत दे दी

एडवोकेट मसरूफ कमाल ने कहा कि राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून का इस्तेमाल मुसलमानों को निशाना बनाने और महिलाओं को उनकी मर्ज़ी से वंचित करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, लगभग सभी मामलों में कोई भी आधिकारिक प्राधिकरण नहीं है

एडवोकेट मसरूफ कमाल और समाजसेविका रीता बुइयार

उन्होंने कहा कि जो मामले को शुरू करने के लिए शिकायत दर्ज करता है, बल्कि संघ परिवार के गुंडे कैस की शुरुआत करते हैं, जिन्होंने यह ठान लिया है की वह अल्पसंख्यक और महिलाओं को स्वतंत्र रूप से अपना जीवन नहीं जीने देंगे

गिरफ्तारी के समय बिजनौर पुलिस का कहना था कि दलित नाबालिग लड़की के पिता के कहने पर एफ़आईआर दर्ज की गई है, जबकि लड़की के पिता ने इस बात से इनकार किया था. उन्होंने मामले को राजनीतिक रूप देने के लिए गांव के ही ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया था. हालांकि प्रधान ने उनके आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने केस दर्ज कराने में लडकी के परिजनों की मदद की थी.

घटना के दौरान इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का कहना था कि इस मामले को बेवजह लव जिहाद का रूप दिया जा रहा है. नाबालिग ने कहा था कि ‘मैंने यह मजिस्ट्रेट के समक्ष भी कहा है और दोबारा कहूंगी. कुछ लोगों को यह दिक्कत थी कि मैं अपने दोस्त के साथ जा रही थी. उन्होंने मेरा वीडियो बनाया और अब वे इसे लव जिहाद का नाम दे रहे हैं. मैंने कुछ गलत नहीं किया. मैं अपनी मर्जी से उसके साथ गई थी.

आप को बता दें कि 14 दिसंबर को नाबालिग दलित लड़की अपने पूर्व सहपाठी के साथ रात लगभग 10:30 बजे अपने एक दोस्त की जन्मदिन पार्टी से पैदल घर लौट रही थी कि कुछ लोगों ने कथित तौर पर इन दोनों का पीछा किया. इनकी डंडों से पिटाई की और ये पता लगने के बाद कि दोनों अलग-अलग धर्मों से हैं, उन्हें स्थानीय पुलिस थाने ले जाया गया था,

कथित तौर पर लड़की के पिता की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी लड़के ने लड़की से शादी करने और धर्म परिवर्तन करने के इरादे से उसे अपने साथ भागने के लिए राजी किया.

हालांकि लड़की के पिता ने इससे इनकार किया था, और उनका कहना था कि पुलिस ने उनसे ऐसा बयान लिखवाया है.पिता ने कहा, ‘मुझे अपनी बेटी पर पूरा विश्वास है. उसने क्या गलत किया है? उसे राजनीति का हिस्सा क्यों बनाया जाना चाहिए? क्या एक लड़की और एक लड़के का एक साथ चलना गैरकानूनी है

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