Bijnor: हमारे यहाँ एक कहावत हैं कि हर कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है किसान आंदोलन में सुनिता टिकैत जी ने भी साबित करके दिखाया कि उनकी शक्ति क्या है बीते तीन महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानो ने धरना दे रखा है इस दौरान आदरणीय सुनीता टिकैत जी न केवल घर को संभाल रही हैं बल्कि राकेश टिकैत साहब की ताकत भी बनी हुई हैं
आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत की पत्नी सुनीता टिकैत जी खुद आंदोलन में शामिल होकर महिला किसानों की अगुवाई भी कर रही हैं 52 वर्षीय सुनीता टिकैत जी का कहना है कि ‘हर आंदोलन में मैं और मेरा पूरा परिवार टिकैत साहब के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा है।
सप्ताह भर में एक बार उनसे फोन पर बात हो जाती है। वह भी एक या दो मिनट बस। पहले ठंड और अब बढ़ती गर्मी को देखते हुए उनके स्वास्थ्य की चिंता लगातार बनी रहती है कुछ दिनों पहले जब फोन पर बात हुई तो टिकैत साहब का गला खराब था तो उन्हें घर से मुलेठी और गर्म पानी की बोतल आंदोलन स्थल पर भेजने को कहा था जो हमने किसान भाइयों के साथ भिजवा दी है
आदरणीय सूनीता टिकैत जी का किसानो को संदेश है की हम गिरफ्तारी मुकदमो और जेल में जाने से हम लोग नहीं डरते यह तो हमारा चोला है आज राकेश जी करीब 32 बार धरने आंदोलन के चलते जेल जा चुके हैं।
वहीं राकेश टिकैत की पुत्र वधु भी सास के साथ मैदान में उतर गयीं हैं, सास-बहू की जोड़ी आने वाले दिनों में आंदोलन को क्या रूप देतीं है आने वाले दिनों में पता चलेगा,
वहीं बिजनौर जिलाध्यक्ष चौधरी कुलदीप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह किसान महा आंदोलन के योद्धाओं के धैर्य संघर्ष और मेहनत की एक नई शुरूआत है किसान एकता और किसानो की जीत का एक नया इतिहास लिखा जायेगा संघर्ष की हमेशा जीत होती है इसलिए किसान जीतेगा और अपना हक लेकर रहेगा,
Report by tayyab Ali