New Delhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का निधन हो गया है. बुधवार की सुबह 3.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके बेटे फ़ैसल पटेल ने ट्विटर पर यह जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि एक साथ कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसकी वजह से उनका निधन हो गया.
बता दें के अहमद पटेल काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे, उनके बेटे फ़ैसल ने यह भी लिखा कि, “अपने सभी शुभचिंतकों से अनुरोध करता हूं कि इस वक्त कोरोना वायरस के नियमों का कड़ाई से पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दृढ़ रहें और किसी भी सामूहिक आयोजन में जाने से बचें.
@ahmedpatel pic.twitter.com/7bboZbQ2A6
— Faisal Ahmed Patel (@mfaisalpatel) November 24, 2020
Gujrat: राजनीतिक गलियारों में अहमद पटेल को गुजरात कांग्रेस इकाई के रीढ़ माना जाता है, ये सोनिया गांधी के काफी करीबी थे और गुजरात मे जो थोड़ी बहुत सीट कांग्रेस को आ रही थी ये इन्ही की देन थी,
क़रीब एक महीने पहले अहमद पटेल कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. 71 साल के पटेल का निधन दिल्ली के अस्पताल में हुआ है. अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष थे. अहमद पटेल जब तक कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे तब तक पार्टी में काफ़ी ताक़तवर रहे. वे 1985 में राजीव गांधी के संसदीय सचिव भी रहे थे.
कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष के तौर पर उनकी नियुक्ति 2018 में हुई थी. आठ बार के सांसद रहे पटेल तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए और पाँच बार राज्यसभा के लिए. आख़िरी बार वो राज्यसभा 2017 में गए और यह चुनाव काफ़ी चर्चा में रहा था.
1986 में अहमद पटेल को गुजरात कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर भेजा गया. 1988 में गांधी-नेहरू परिवार द्वारा संचालित जवाहर भवन ट्रस्ट के सचिव बनाए गए. यह ट्रस्ट सामाजिक कार्यक्रमों के लिए फंड मुहैया कराता है.
धीरे-धीरे अहमद पटेल ने गांधी-नेहरू ख़ानदान के क़रीबी कोने में अपनी जगह बनाई. वो जितने विश्वासपात्र राजीव गांधी के थे उतने ही सोनिया गांधी के भी रहे.
21 अगस्त 1949 को मोहम्मद इशाक पटेल और हवाबेन पटेल की संतान के रूप में अहमद पटेल का जन्म गुजरात में भरुच ज़िले के पिरामल गांव में हुआ था.
80 के दशक में भरूच कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था. अहमद पटेल यहां से तीन बार लोकसभा सांसद बने. इसी दौरान 1984 में पटेल की दस्तक दिल्ली में कांग्रेस के संयुक्त सचिव के रूप में हुई.
जल्द ही उन्हें पार्टी में प्रमोशन मिला और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव बनाए गए.
*शोक संदेश*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी देहांत पर दुख जताया है,
Saddened by the demise of Ahmed Patel Ji. He spent years in public life, serving society. Known for his sharp mind, his role in strengthening the Congress Party would always be remembered. Spoke to his son Faisal and expressed condolences. May Ahmed Bhai’s soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2020
वहीं कांग्रेस के राहुल गांधी प्रियंका गांधी सहित सभी नेताओं के शोक संदेश आना शुरू हो गए हैं,
My deepest condolences to Ahmedji’s whole family, especially Mumtaz and @mfaisalpatel.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 25, 2020
Your father’s service and commitment to our party was immeasurable. We will all miss him immensely. May his courage pass on to you and give you strength to face this tragedy. pic.twitter.com/M5x66zC3Sm
It is a sad day. Shri Ahmed Patel was a pillar of the Congress party. He lived and breathed Congress and stood with the party through its most difficult times. He was a tremendous asset.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 25, 2020
We will miss him. My love and condolences to Faisal, Mumtaz & the family. pic.twitter.com/sZaOXOIMEX
न्यूज़ साभार BBC India