इस बीच दोनों और से हमले जारी हैं जिसमें कई लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं, जहाँ इसराइली हमले में 26 फ़लस्तीनी मारे गए हैं जिनमें 9 बच्चे शामिल है और 120 लोग घायल है, वहीं फिलिस्तीन के संगठन हमास के हमले में इस्राइल की तीन महिलाओं के मरने की खबरें आ रही हैं जिसमें एक भा मूल की केरल निवासी महिला भी शामिल हैं,
इस्राइल पिछले कुछ महीनों से शांति दूत बनकर अरब मुल्कों से दोस्ती के लिये हाथ बढ़ा रहा था जिसमें उसको अरब अमीरात और बहरीन के रूप में सफला मिलती भी दिखाई दे रहीं थीं, वहीं सऊदी अरब सहित कई और अन्य देशों ने भी इस्राइल के प्रति नरम रुख दिखाया था,
फिर ऐसा क्या हुआ कि इस्राइल अचानक से अपने पूराने रंग में आ गया है, दरअसल कुछ जानकारों का कहना है कि इस्राइल एक और दुनिया को दिखाना चाहता है कि वह शांतिदूत है और दूसरी ओर वह अपने पूराने रुख पर कायम है जिसके अनुसार वह मस्जिदे अक्सा को शहीद और समूचे फिलिस्तीन पर पूरी तरह से कब्जा करने की रणनीति पर आग्रसर है,
कुछ दिनों की शांति के बाद इस्राइल फिर से आक्रमक हो गया हैं मुस्लिम समुदाय का पवित्र महिना चल रहा हैं इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग 24 घंटे अल्लाह की इबादत करते हैं,
खासतौर पर आखरी आसरा मतलब आखिरी 10 दिन मुसलमानों का अकिदा है कि इन दस दिनों में सबेकद्र के रूप में एक रात ऐसी भी आती हैं जिसमें सभी दुआए पूरी होती हैं यहीं वजह है कि मुस्लिम समुदाय के लोग आखरी दस दिनों में रात दिन अल्लाह की इबादत करतें हैं,
क्षेत्र में शांति बनी हुई थीं मस्जिदें अक्सा में सबेकद्र के दिन बड़ी संख्या में नमाज़ी नमाज़ अदा कर रहे थे, अचानक इस्राइली आर्मी ने नमाज़ पढ़ रहे नमाज़ियो पर हमला कर दिया जिसमें कई लोगों के घायल वह मरने की खबरें आ रही हैं
इस्राइली फौजी इतने में ही नहीं रुके वह मस्जिद के अंदर दाखिल हो गए और उन्होंने मस्जिद के भीतर भी जमकर खूनखराबा किया, जिसकी निंदा दुनियाभर हो रहीं हैं,
क्रिस्चियन धर्म के सबसे बड़े धार्मिक गूरू पोप ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इबादतगाह पर हमला निंदनीय है, वहीं सभी मुस्लिम देश फिर से आगबबूला हो गयें हैं और इस्राइली आर्मी द्वारा किए गए इस हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं, आप को बता दूँ कि यह मुस्लिम देख और इससे ज्यादा कुछ और कर भी नहीं सकतें..
मेरा खुद का मानना है कि जिस धर्म के लोग किसी दूसरे अन्य धर्म के इबादतगाह मतलब ईश्वर के घर के जलने पर खुशियां मनायें यकिनन यह धार्मिक लोग तो कतई भी नहीं हो सकते हैं, इसीलिए कुछ लोग इन्हें आदमखोर कहतें हैं, और यहीं सच्चाई भी,
फिलिस्तीनियो ने बेसहारा यहूदियों को सहारा देते हुए अपनी उंगलियाँ थमाई थी अंजाम अब आप के सामने हैं,
स्वतंत्र लेख by आसिद नजीबाबादी