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हिंदुस्तान में अब्दुल’ सिर्फ़ पंक्चर ही नहीं बनाता, जानिए कोरोना वैक्सीन बनाने वाली CIPLA का इतिहास

🔹गोडसे वाले सिर्फ यही बताएंगे कि ‘अब्दुल’ पंक्चर बनाता,CIPLA के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता,

🔹महात्मा गांधी और डाॅक्टर ख़्वाजा अब्दुल हमीद,

India fight covid-19: गांधी जी के समर्थक डाॅ. ख्वाजा अब्दुल हमीद ने 1935 एक कंपनी बनाई CIPLA उनके बेटे युसूफ हमीद आज इस कंपनी के ऑनर हैं। डाॅ. अब्दुल हमीद को देश में सस्ती दवाइयों के सपने को लेकर उनकी माँ ने अपने दो घर बेचकर उन्हें रसायन विज्ञान की पढ़ाई के लिए बर्लिन भेजा और जब वह बर्लिन से पीएचडी (रसायन विज्ञान) करके आए तो उन्होंने अपनी दवा कम्पनी खोली।

इस कंपनी को CIPLA नाम दिया गया कोरोना महामारी में इन दिनों कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी CIPLA का सारा ज़ोर जीवनरक्षक कोरोना वैक्सीन #Remdesivir बनाने पर है,

भारत में जेनेरिक दवा उद्योग के पिता के तौर पर डाॅक्टर अब्दुल हमीद को जो सम्मान प्राप्त है, उसे हमीद यूसुफ़ ने मिटने नहीं दिया। आज कम्पनी में 22 हज़ार से ज़्यादा तो कर्मचारी ही काम करते हैं।

शेयर बाज़ार में सिपला के शेयर की क़ीमत लगभग 940 रुपए से अधिक है। आज से 7 साल पहले कम्पनी की क़ीमत 49,611 हज़ार करोड़ रुपए लगाई गई थी, आज यह कंपनी मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा जीवनरक्षक कोरोना वैक्सीन #Remedesvir बना रही हैं यह देश गांधी का है इसे गांधीवादी ही बचाएंगे।

साभार Wasim Akram Tyagi ✍

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