भूतपूर्व राष्ट्रपति,व विश्व विख्यात वैज्ञानिक एवं मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पांचवीं पुण्यतिथि पर देशभर में लोग उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं,
डॉ.अब्दुल कलाम जी का भारत को विश्व पटल पर महाशक्ति बनाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं उनके विचार आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं,
डीआरडीओ और इसरो में डाॅ. अब्दुल कलाम जी योगदान
1. डाॅ. कलाम ने 1958 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से से स्नातक होने के बाद डीआरडीओ में अपना करियर शूरू किया,
2. उन्होंने पोखरण -!! परमाणु परीक्षण व पर्यवेक्षक किया और 1992 से 1999 तक रक्षामंत्री और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कार्य किया3.
3. कलाम जी ने बाद में इसरो ज्वाइन किया जहां उन्होंने एसएलवी – 3 की मदद से रोहि4. 19णी – 1 उपग्रह को लो अर्थ आर्बिट में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा,
4. 19 वर्षों तक इसरो में काम करने के बाद, उन्होंने डीआरडीओ में वापसी की और इंट्रीर्गेडेट डाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत अग्नि और प्रथ्वी जैसी मिसाइलों को को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की,
5. डाॅ. कलाम इंडियन नेशनल कमेटी फाॅर स्पेस रिसर्च (INCOSPAR) का भी हिस्सा थें, जिसे डॉ. विक्रम साराभाई ने स्थापित किया था,