‘कलम’ की ताकत के सामने बंदूक क्या परमाणु बम भी नतमस्तक हो जाते हैं ‘कलम’ को डराने की कोशिश मत करना यह वही ‘कलम’ होती है जो वर्तमान से लेकर ‘इतिहास’ तक लिख देती है।
सत्य लिखना कोई बच्चो कस खेल नहीं है पूछो उन ‘कलमकारों’ से जो आज भी लोहे को चीर रहे है ‘कलम’ कि तलवारों से ‘कलम’ की ताकत तो हर कोई जानता है परंतु कलम का लेख दुधारी तलवार की तरह होना चाहिए जो मुर्दे में जान फूंकने का माद्दा रखती हो धन्य हैं वह लेखक जो समाज में क्रांती परिवर्तन लाने में कामयाब रहे हैं
निशाने पर इन दिनों प्रेस है पत्रकार की अभिव्यक्ति पर सवाल है अनेको बार ऐसा हुआ है ‘कलम’ फिर भी नहीं झुकी हैं न झुकेगी यह कलम ही 🖊️हमारी ताकत हैं
हम डरने वालों में से नहीं हैं
आप जो भी हैं लेखक कवि पत्रकार चित्रकार मूर्तिकार कार्टूनिस्ट शायर वैज्ञानिक या जो भी है अपनी आवाज़ बुलंद कीजिए इससे पहले कि आप कि आवाज़ ही छीन ली जाए आपकी लेखनी व आपकी आवाज़ ही एकमात्र विकल्प है आप खुद तय कीजिये कि आप किस तरफ़ जा रहे है या कहा जाना चाहते हैं
प्रेस समाज का आइना है लोकतांत्रिक देश में प्रेस की स्वतंत्रता कि मौलिक जरूरत है सभी समाचार पत्र एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छायाकारों एवं पत्रकारों
एवं इतिहासकारों लेखक को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की हार्दिक बधाई 💐💐 #NationalPressday
प्रस्तुति तैय्यब अली