तुर्की की सबसे बड़ी इंतज़ामी अदालत “कौंसिल ऑफ स्टेट” ने 1935 में “कमाल पाशा” कैबिनेट द्वारा किए उस फैस़ले को रद् कर दिया है जिसकी बुनियाद पर #आया_सोफ़िया मस्जिद को म्युज़ियम में तब्दील कर दिया गया था,
सुल्त़ान मोह़म्मद फ़ातेह़ की यादगार और स़लीबियों को पिछले 500 सालों से ख़ून के आंसू रूलाने वाली मस्जिद आया सोफ़िया अब क़ानूनी तौर पर मस्जिद तस्लीम कर ली गई है,
याद रहे कि इसे मस्जिद में बदलने से रोकने के लिए रूस और अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देशों ने एर्दोग़ान को सख़्त वार्निंग दे रखी है,
1453 में मिली स़लीबियों को इस इब्रतनाक शिकस्त से आख़िरी बार राहत 1935 में मिली थी लेकिन एर्दोग़ान ने ज़ख़्म बनकर रिस रहे स़लीबियों के नासूर पर जो नमक छिड़का है,
सलीबी दुनिया शायद ही इसे बर्दाश्त कर सके, तुर्की अब किसी बड़े उलटफेर के लिए तैयार रहे, तुर्की के राष्ट्रपति अर्दागान ने कहा है कि यह शूरूआत है जल्दी ही मस्जिद अल अक्सा को भी आजाद करवाया जायेगा, इस ब्यान ने इस्राइल की नींद हराम कर दी हैं, वहीं मुस्लिम दुनिया अर्दागान को उम्मीदों की नजरों से देख रहीं हैं,