🔸दो दिन तक निकट संबंधियों के आने की राह में मोर्चरी में रखा रहा शव,
🔸आरएसएस के स्वयंसेवक भी रहे शामिल नांगलसोती के बाजार वाले मंदिर में थे पुजारी,
Bijnor: मंदिर के पुजारी की मौत पर कोरोना संक्रमण के डर से अपनो ने छोड़ दिया था साथ सगे सबंधियों ने कर लिया था किनारा नागलसोती पुलिस ने पुजारी का किया अंतिम संस्कार पुलिस के इस कार्य की अवाम ने की प्रशंसा गंगा बैराज घाट पर किया अंतिम संस्कार,
दरअसल बिजनौर में एक मंदिर के पुजारी की कोरोना महामारी के दौर में हुई मौत के बाद अपनो ने ही कोरोना के खौफ़ के मारे किनारा कर लिया लेकिन पुलिस ने पुजारी का अंतिम संस्कार कर मानवता की मिसाल पेश की है।
पुलिस का मानवीय चेहरा देख इलाके के लोग पुलिस की प्रंशसा करते नही थक रहे है। एसपी ने इस पूरे मामले में पुलिस की पीठ थपथपाते हुए सराहनीय कार्य को देखते हुए पुलिस टीम को दस हज़ार रुपए की नकद राशि देकर सम्मानित किया है।
थाना नांगल क्षेत्रान्तर्गत पुजारी की स्वाभाविक मृत्यु होने पर भी कोरोना के डर से परिजनों द्वारा अन्तिम संस्कार करने से इन्कार करने पर थाना नांगल पुलिस रीति-रिवाज के अनुसार पुजारी का अन्तिम संस्कार करते हुए। #UPPolice @Uppolice @homeupgov @UPGovt @adgzonebareilly @digmoradabad pic.twitter.com/Jh7MtUeFpc
— Bijnor Police (@bijnorpolice) May 22, 2021
बिजनौर के नांगल थाना क्षेत्र निवासी सुभाष चन्द्र नाम का 75 वर्षीय पुजारी शिव मंदिर में पिछले कई सालों से मंदिर की सेवा कर रहा था। दमा की बीमारी में पुजारी की इलाज के दौरान मौत हो गई।
पुलिस व आस पास के पड़ोसियों ने पुजारी के परिजनों को बुलाने की कोशिश की लेकिन कोरोना के डर से बेटा व सगे सम्बन्धियो ने आने से मना कर दिया। जिसके बाद नागलसोती पुलिस के थानां प्रभारी दारोगा व पुलिस कर्मी व कुछ पत्रकार ने पुजारी के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया।
हिन्दू रीति रिवाज़ के तहत पुलिस टीम नेअर्थी को सजाकर बिजनौर गंगा बैराज घाट पर अंतिम संस्कार किया। पुलिस टीम का सराहनीय कार्य देखते हुए एसपी धर्मवीर सिंह ने थाना पुलिस को दस हज़ार रुपए की नक़द राशि देकर सम्मानित किया साथ ही पुलिस की इस पहल से अवाम में भी खूब प्रशंसा की जा रही है।
मंडावली से हमारे सवांददाता अब्दुल रहमान अल्वी की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का भैय कहिये या रिश्तो में आई निठुरता कुछ भी कहिये, पुत्र,भाई, पुत्री कोई भी अपने का दाह संस्कार करने नहीं पहुंचा शव अपनो की इंतजार में दो दिन तक जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा रहा
सूचना मिली तो आरएसएस के स्वयं सेवक दौड़कर शव का दाह संस्कार कराने पहुच गए। संकट के इस काल में स्वयंसेवक वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में समाज में कई प्रकार के सेवा कार्य कर रहे हैं।
नांगलसोती निवासी सुभाष चंद्र रस्तोगी पुत्र हुकमचंद रस्तोगी (75 वर्ष) पिछले काफी समय से बाजार वाले मंदिर पर पुजारी थे।दमे की बीमारी होने के कारण उनकी हालत बिगड़ गई।जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था।
जहां 21मई को पुजारी की मृत्यु हो गई।सूचना जिला चिकित्सालय प्रशासन ने नांगल पुलिस को दी।सूचना पर हलका इंचार्ज विनोद कुमार ने इसकी जानकारी मृतक के पुत्र भाई व पुत्री को दी, लेकिन लगातार सूचना के बावजूद भी परिवार के लोग शव के दाह संस्कार के लिए नही पहुचे।
परिजनों ने आने से इनकार किया तो इसकी सूचना विनोद कुमार ने पत्रकार ललित जोशी को दी।इस पर उन्होंने जिला चिकित्सालय पहुच कर शव को अपनी सुपुर्दगी मे लिया।
शव के दाह संस्कार के लिए आरएसएस के विभाग सह कार्यवाह प्रशांत महर्षि के साथ मिल शव के दाह संस्कार की योजना बनी आरएसएस के चार स्वयंसेवक तवरीत तैयार हो गए।
पत्रकार ललित जोशी के साथ सह नगर कार्यवाह दीपक चौहान, सेवा भारती के जिला मंत्री दीपक अग्रवाल ,सह नगर संपर्क प्रमुख मोहित गुप्ता,सौरव सिंघल ने सहयोग कर दाह संस्कार कराया। इस दौरान नांगल से सुशील फौजी, योगेश शुक्ला, वीरेंदर शर्मा, राजवीर भी बैराज घाट पहुचे ओर दाहसंस्कार में सहयोग किया
बिजनौर से तुषार वर्मा की यह रिपोर्ट,
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