मौअज्ज्म पुर तुलसी गढ़ी में पेयजल एवं स्वच्छता मिशन का कार्यक्रम किया गया
▪️ग्रामीण आंचल में पीने योग्य पानी की जल आपूर्ति हेतु पाइपलाइन योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु जन जागरूकता कार्यक्रम हुआ,
Bijnor: लखनऊ से आई टीम के Cordinator दीपक कुमार कैमरामैन विनीत कुमार ट्रेनर प्रिंस कुमार ने जन जागरूकता कार्यक्रम किया अपने पेयजल स्रोत की जांच ग्राम पंचायत पर प्रशिक्षित कार्यकर्ता से या फिर जल स्तर पर जल निगम की प्रयोगशाला में करा कर अवश्य पता कर ले कि पेयजल स्रोत रक्षित सुरक्षित है कि नहीं,
जल जांच के बाद आर्सेनिक पदूषित पानी वाले हैंडपंप को पहचानने के लिए लाल रंग से एवं आर्सेनिक मुक्त पानी वाले हैंडपंप को नीले रंग से रंग दिया जाता है, लाल रंग से चिन्हित चिन्हित हैंडपंप का उपयोग पीने एवं खाने बनाने में ना करें ,तथा नीले रंग से चिन्हित फ्लोराइड मुक्त पेयजल स्रोत का प्रयोग पीने एवं खाने बनाने में करें, अपने हैंडपंप की जल जांच अवश्य कराएं,
जाने अनजाने में पानी के स्रोतों में अनेक प्रकार से गंदगी चली जाती है ,इनके अनेक प्रकार के जीवाणु रहते हैं जो पानी में आ जाते हैं और पेय जल को दूषित कर देते हैं,जैविक प्रदर्शन वाले पानी से अनेक बीमारियां होने की संभावना होती है जैसे डायरिया मरीज को एक बार दस्त होता है एवं शरीर में पानी की कमी निर्जलीकरण हो जाती है इसका कारण कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है
टाइफाइड इसे आम भाषा में आंत्र ज्वर कहते हैं इसमें मरीज को काफी तेज बुखार हो जाता है जो कि जानलेवा भी हो सकता है, थ्रेड एव रावण राउंड कृमि: दूषित जल को पीने के कारण लोगों के पेट में आंतो में कृमि प्रवेश कर जाते हैं जो कि मरीज की आंतो या पेट से पोषक तत्व को चूसते हैं जिसके कारण मरीज काफी कमजोर हो जाता है इसके अलावा पोलिया, कॉलरा डिसेंट्री पीलिया भी जैविक जल प्रदूषण के कारण ही होते हैं, हमे साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए
जिस में उपस्थित कुछ ग्राम वासियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं ग्राम प्रधान मोहम्मद जाकिर एवं पंचायत सहायक फजीला अली हसन ,आशा इमराना खातून, बेरोजगार सेवक वाहिद, आदि उपस्थित रहे, ग्राम वासियों में वरीसा बिलकीस, यासीमन , नाजमा, हमीदन, गुलशहाना, सायबा, साबरी, जमीरन , सुब्हान अली, वे आरिफ आदि मोजूद रहे
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