बिजनौर न्यूज़:- वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अन्तर्गत न तो नये लाभार्थियों का चिन्हांकन कराया जा रहा है और न ही पहले से जिन लाभार्थियों के आवास स्वीकृत हो चुके हैं, उनका जियो टैग, नक्शा देने और न ही धनराशि अंतरित करने की कार्यवाही की जा रही है-योजना अधिकारी, जिला नगरीय विकास अभिकरण ने किया स्पष्ट किया।
परियोजना अधिकारी, जिला नगरीय विकास अभिकरण जनसामान्य को सर्तक और स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अन्तर्गत न तो नये लाभार्थियों का चिन्हांकन कराया जा रहा है और न ही पहले से जिन लाभार्थियों के आवास स्वीकृत हो चुके हैं, उनका जियो टैग, नक्शा देने और न ही धनराशि अंतरित करने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होनंे बताया कि वर्तमान में केवल ऐसे लाभार्थियों के आवासों का जियो टैग अथवा आवासों के निर्माण का कार्य प्रारम्भ कराया जा रहा है, जिन्हें लाॅंकडाउन के पूर्व धनराशि अंतरित कर दी गई थी।
विभिन्न स्रोतों से यह संज्ञान में आया है कि कतिपय व्यक्तियों द्वारा नगर निकायों में जाकर नये लाभार्थियों से किश्त भिजवाने, फर्जी नक्शा देने व अन्य व्यक्तियों से योजनान्तर्गत फार्म भरवा रहे हैं, जिसमें कोई सत्यता नहीं है। उन्होंने बताया कि डूडा द्वारा जिस भी कर्मचारी को इस कार्य हेतु नगर निकायों में तैनात किया गया है, उनके पास अपर जिलाधिकारी-प्रशा0 और परियोजना अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षरों से निर्गत पहचान-पत्र हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी का लाभ दिलाने की बात करता है तो सर्वप्रथम आप उसका पहचान-पत्र दिखाने के लिए कहें, यदि ऐसा नहीं होता है तो वह व्यक्ति फर्जी है जिसको आप अपनी कोई भी निजी जानकारी न देें और योजना का लाभ दिलाने के प्रलोभन में न आयेें। उन्होंने बताया कि डूडा द्वारा जब नये लाभार्थियों का चिन्हांकन कराने की कार्यवाही आरम्भ की जायेगाी अथवा पहले से जिन लाभार्थियों के आवास स्वीकृत हैं और उन्हें अभी धनराशि निर्गत नहीं की गई है, जियो टैग कराने व किश्त निर्गत करने की कार्यवाही प्रारम्भ की जायेगी तो समाचार-पत्र तथा संबंधित नगर निकाय के अधिशासी अधिकारियों के माध्यम से समस्त जनता को सूचित किया जायेगा। उन्होंने पुनः स्पष्ट किया है कि वर्तमान में केवल ऐसे लाभार्थियों के आवासों का जियो टैग अथवा आवासों के निर्माण का कार्य प्रारम्भ कराया गया है जिन्हें लाॅंकडाउन के पूर्व धनराशि अंतरित कर दी गई थी।