भले ही योगी सरकार सरकारी भ्रष्टाचार को मिटाने में लगी हुई हो लेकिन कमीशन खोरी के चलते सरकारी विकास की योजनाएं धराशाई हो रही है और ठेकेदार घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर सरकारी बजट को चूना लगा रहे हैं
ताजा मामला बिजनौर की तहसील नजीबाबाद के गांव रामदास वाली का है जहां पर ब्लॉक प्रमुख योजना के अंतर्गत एक नाले का निर्माण कराया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि नाले के निर्माण में घटिया ईटों का इस्तेमाल किया जा रहा है तथा सीमेंट तो ढूंढने से भी नहीं दिखाई दे रहा है।
तस्वीरों में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि जब ग्रामीण बनाई गई दीवार से ईट उठा रहे हैं तो वह बड़ी आसानी के साथ दीवार से अलग हो रही है जैसे रेत के साथ सीमेंट मिलाया ही नहीं गया हो। ग्रामीणों ने सड़क से 3 फुट गहरी नाला बनने पर घरों में जलभराव की समस्या तथा बच्चों के गिरने पर अपनी नाराजगी जताई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी धन से हो रहे नाले का निर्माण मानक के अनुसार ही किया जाए जो कमीशन खोरी की भेट चढ़ रहा है दूसरी तरफ अधिकारियों का कहना है कि जांच पड़ताल कराकर कार्यवाही की जाएगी।
इस मामले में ब्लाक प्रमुख और ठेकेदार दावा कर रहे हैं कि आखिर किस ग्रामीण के सामने 40 तसलो में 1 तसला सीमेंट मिलाया गया है। अब देखने वाली बात यह है कि घटिया सामग्री से बन रहे नाले को लेकर अधिकारियों की ओर से कोई जांच-पड़ताल होती है या नहीं। फिलहाल ग्रामीणों ने मानक के अनुरूप नाले का निर्माण करने की मांग की है।
नजीबाबाद से हमारे संवाददाता वसीम बारी की रिपोर्ट।
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