🔸पेड़ काटने के लिए सात हजार रुपये का खर्च आता है पेड़ काटने की परमिशन हो तब भी सबको पैसे बांटने पड़ता हैं
बिजनौर की तहसील पेड़ काटने वाले लकड़ी ठेकेदार ने वन विभाग के अधिकारियों और तहसील प्रशासन पर पेड़ काटने को लेकर पैसे लेने सहित गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, फिलहाल सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो चर्चा का विषय बनी हुई है

वीडियो वायरल के बाद वन विभाग और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया। मंगलवार को सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुपों पर वीडियो वायरल हुई, वायरल वीडियो एक पेड़ काटने वाले लकड़ी ठेकेदार की है। जो नजीबाबाद वन विभाग डिवीजन कार्यालय के बाहर खड़ा होकर मीडियाकर्मी से वन विभाग और राजस्व प्रशासन की कारगुजारी बारे में बताता हुआ नजर आया।

जिसमें ठेकेदार कह रहा है कि जितने भी अधिकारी बैठे है सब पैसे लेते है, एक पेड़ काटने का सात हजार रुपए का खर्चा आ रहा है, कोई दूध का धुला हुआ नहीं है जो पैसे नही ले रहा। तहसीलदार, एसडीएम, पटवारी, कानून गो सब पैसे ले रहे है, जबकि इनका पैसे लेने का मतलब नहीं बन रहा।
वन विभाग से एक नंबर में परमिशन बनकर जा रही उसके बाद भी पैसे ले रहे, परमिशन एक नंबर की हो या दो नंबर की हो पैसे सबके जा रहे। जबकि रेंजर से सेटिंग होती है, तुम खबर लगाओ बिंदास होकर खबर लगाओ। अब सवाल यह है कि इस ठेकेदार का दर्द कैसे छलका और क्यों छलका, इस ठेकेदार ने अधिकारियों पर क्यों ऐसे गंभीर आरोप लगाए, क्या यह सही है या गलत है यह तो जांच का विषय है।

अगर उच्चाधिकारी वायरल वीडियो पर संज्ञान लेकर मामले की निष्पक्ष जांच करे और इस ठेकदार के लिखित बयान ले तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा और कई अहम राज भी खुलकर सामने आ जायेगे। फिलहाल वायरल वीडियो इशारों इशारों में बहुत कुछ कह रही है, और चर्चाओं का विषय बनी हुई है
बिजनौर एक्सप्रेस के साथ चीफ एडिटर विकास आर्य
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