Edited By : बिजनौर एक्सप्रेस , Bijnor, UP | Updated : 15 सितंबर , 2021
शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवीं के देहांत के पश्चात आज जामा मस्जिद में हुए साधारण व प्रभावशाली समारोह के दौरान शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवीं की वसीयत के अनुसार उनके बड़े बेटे मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवीं की दस्तारबंदी कर पंजाब का शाही इमाम बनाया गया।
नवनियुक्त शाही इमाम पंजाब मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवीं की दस्तारबंदी के मौके पर भारत के चीफ इमाम मौलाना मुहम्मद उमैर इलियासी, पीर जी हुसैन अहमद बूढिया, सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पूर्व मंत्री हीरा सिंह गाबडिय़ा, विधायक कुलदीप सिंह वैद्द, विधायक बलविन्द्र सिंह बैंस, विधायक सिमरजीत सिंह बैंस, पूर्व विधायक रणजीत सिंह ढिल्लों, मेयर बलकार सिंह संधू व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू की पत्नी ममता आशू सहित कई धार्मिक व समाजिक नेता मौजूद थे।
इस मौके नवनियुक्त इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवीं ने कहा कि वे अपने पिता मरहूम मौलाना हबीब उर रहमानी सानी लुधियानवीं के अधूरे कामों को पूरा करने के लिए पूरा जोर लगाऊंगा। उन्होनें कहा कि अलग-अलग धर्मो का सम्मान करते हुए वह समाज, राज्यों व देश की अमन शांति के लिए हर एक को साथ लेकर चलेगें। उन्होनें कहा कि शाही इमाम साहिब के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए मुस्लिम भाईचारे की मुश्किलों की ओर विशेष ध्यान देंगे।
इससे पहले हुए दस्तारबंदी समारोह के दौरान भारत के चीफ इमाम मौलाना उमैर इलियासी ने मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवीं को शाही इमाम पंजाब नियुक्त करते हुए कहा कि जिस तरह मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवीं ने सभी धर्मो व सभी वर्गो और सारे भाईचारे के साथ मिल कर इंसानियत का पैगाम विश्वभर में दिया है उसी तरह मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवीं भी उनके बताए गए रास्ते पर चल कर देश, समाज व कौम की सेवा करेगें।
गुरूद्वारा दुख निवारण के अध्यक्ष स.प्रितपाल सिंह ने शाही इमाम को सम्मानित करते हुए अपना सहयोग देने का भरोसा दिया। कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू की पत्नी ममता आशू ने कहा कि शाही इमाम परिवार की ओर से देश की आजादी के लिए निभाई गई भूमिका और योगदान की प्रंशसा करते हुए मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी को दी गई जिम्मेदारी की प्रंशसा की।
ममता आशू ने भरे मन से शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवीं को याद करते हुए कहा कि वे आज भी हमारे दिलों में जिंदा है। इस मौके मुफ्ती इरतका उल हसन, मुफ्ती खलील, खलीफा साहिब सरहंद, मौलाना फरहान,खिज़राबाद कारी सईदुज़ज़मा ,नजीबाबाद से हिफ़्जुर्रहमान फरीदी कारी मोहम्मद फैसल,प्रवीण बजाज, मुफ्ती सदाम हुसैन, दर्शन रतन रावन, विजय दानव, कांग्रेस अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, पार्षद राकेश पराशर, सन्नी भल्ला, कांग्रेस सेवा दल से सुशील पराशर, कांग्रेस देहाती अध्यक्ष सोनी गालिब, लुधियाना यूथ कांग्रेस के इंचार्ज मुज्जमिल अली खान शेरवानी, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष योगेश हांडा, आप पार्टी हलका आतम नगर के इंचार्ज कुलवंत सिद्दू, पूर्व पार्षद गुरप्रीत खुराना, बलजीत सिंह बिंदरा, अतीक उर रहमान लुधियानवीं, पवनदीप सिंह मदान, अकाली नेता मान सिंह गरचा, मनप्रीत सिंह मन्ना, एडवोकेट हरप्रीत सिंह गरचा व मुस्तकीम अहरारी आदि मौजूद थे।
देश की आजादी के लिए लगातार 200 साल तक कुर्बानियां देने वाले लुधियाना के इस परिवार के पहले शाही इमाम पंजाब मौलाना अब्दुल्ला वली लुधियानवीं (1760-1810), मौलाना हाफिज अब्दुल्ला वारिस लुधियानवीं (1810-1825), मौलाना शाह अब्दुल कादिर लुधियानवीं (1825-1860), मौलाना शाह मुह्म्मद लुधियानवीं (1860-1903), मौलाना शाह मुहम्मद जकरिया लुधियानवीं (1903-1926), रईस उल अहरार मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवीं प्रथम (1926-1956), मौलाना मुहम्मद मुफ्ती अहमद रहमानी लुधियानवीं (1956-1987), मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवीं (1987-2021) तक शाही इमाम पंजाब रहें है।
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