Reported by: आक़िफ़ अंसारी | Edited by : Bijnor Express | बिजनौर | उत्तर प्रदेश।
जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने मा० उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के निर्देशों के अनुपालन में चयनित महिला ग्राम प्रधान के स्थान पर ग्राम सभा के कार्यों या अधिकारों में प्रधानपति के तौर पर कार्य करने को प्रतिबन्धित किया है।
उन्होंने बताया कि मा० उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में योजित रिट याचिका संख्या-3925/2023 ग्राम सभा बनाम उ०प्र० सरकार व 04 अन्य में पारित आदेश के अनुपालन में “प्रधानपति“ बहुत प्रसिद्ध टर्नर उ०प्र० राज्य में प्रचलित हो गया है। चयनित महिला ग्राम प्रधान के स्थान पर प्रधानपति कार्य कर रहे है।
मा० उच्च न्यायालय, इलाहाबाद ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि चयनित ग्राम प्रधान अपने अधिकार, कर्तव्य/दायित्व अपने पति या अन्य किसी को भी सुपुर्द प्रति स्थानांतरित नहीं कर सकता है। यह भी मा० उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा कहा गया है कि “प्रधानपति“ ग्राम सभा के कार्यों में कोई दखल नहीं दे सकता है, प्रधानपतियों के इस कृत्य से महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य धूमिल हो रहे है।
इस प्रकरण में मा० उच्च न्यायालय, इलाहाबद ने ग्राम सभा ग्राम पंचायत मधपुरी परगना बढ़ापुर तहसील नगीना विकास खण्ड अफजलगढ़ जनपद बिजनौर की चयनित महिला प्रधानपति श्री सुखदेव सिंह को सम्बन्धित ग्राम सभा के कार्यों या अधिकारों में प्रधानपति के तौर पर कार्य करने से प्रतिबन्धित किया है। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी सहित सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि मा0 उच्च न्यायालय के उक्त आदेशों का कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित कराएं।
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