#Bijnor #Nehtaur: अक्सर कहा जाता है नाम में क्या रखा है काम दमदार होने चाहिये ऐसे काम जो आपके रहते और जाने के बाद हमेशा याद किये जाएं। लोग आपके क़सीदे पढें सिर्फ़ इसलिये नही कि आप सही क़द और रसूख वाले हैं, राजनीति में आपकी अछी पैठ है बल्कि इसलिये कि आपका व्यवहार का खुमार लोगों के सर चढ़ कर बोलता है।
ये तमाम बातें मौजूदा वक़्त में अगर किसी युवा नेता पर एकदम सटीक बैठती हैं तो वो हैं नगरपालिका नहटौर के चेयरपर्सन पुत्र राजा अंसारी जिन्होने बेहद कम उम्र में राजनीति के शिखर को छुआ है। युवाओं के दिलों में खास मक़ाम रखने वाले राजा अंसारी ने यूं तो ना जाने कितने काम ऐसे किये हैं जिनसे समाज को नयी दिशा मिलती है। अगर बात मॉडर्ननिटी की-की जाये तो राजा अंसारी नगरपालिका नहटौर को मॉडर्न बनाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं।
हाल ही में राजा अंसारी ने नहटौर नगर में पीर की चुंगी के पास स्थित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद गेट की ना सिर्फ़ साज सज्जा करवाई बल्कि किसी स्मार्ट सिटी की तर्ज पर मनमोहक ‘I Love Nehtaur’ को शानदार फोन्ट्स के ज़रिये प्रदर्शित भी किया है। हालांकि ये भी सच है कुछ रोज़ पहले कुछ विपक्षी नेताओं और लोगों ने इस पर कड़ा ऐतराज़ भी जताया था लोगों का कहना था कि गेट पर अबुल कलाम आज़ाद जो नाम मेंशन था उसको हटा दिया गया है पर ये बात सच्चाई से कोसों दूर है क्योंकि गेट पर ना सिर्फ़ सही और शानदार तरीक़े से ‘अबुल कलाम आज़ाद गेट’ लिखवाया गया है बल्कि नगर पालिका नहटौर में ये एक मात्र ऐसा गेट बन गया है जहां पर आज की युवा पीढ़ी ना सिर्फ़ खुश हो रही है बल्कि ये गेट सेल्फी स्पॉट में भी तब्दील हो गया है।
कुछ रोज़ पहले मौलाना अबुल कलाम आज़ाद गेट के सभी फोन्ट्स टूट कर झड़ गये थे ऐसे में चेयरपर्सन पुत्र राजा अंसारी ने अपनी सक्रियता दिखाते हुए इसमें बेहद संजीदगी से काम कराया। आप खुद देखिये पुराने गेट और नये गेट की तस्वीरें और तय करें कि चेयरपर्सन पुत्र राजा अंसारी का ये काम सराहनीय है या नही।
▪️जानें मौलाना अबुल कलाम आज़ाद गेट के खर्च के बारे में👇
हमारे स्वतंत्र पत्रकार असकरी जाफ़री की चेयरपर्सन पुत्र राजा अंसारी से हुई बात के मुताबिक़ इस गेट का टेंडर ना कराकर लेबर मोड में दो से ढाई लाख रुपये की अनुमानित लागत से ये द्वार तैयार किया गया है।
आपको बता दें देश की स्मार्ट सिटी देहरादून जो कि उत्तराखंड की राजधानी है वहां भी इस तरह के आकर्षक फोन्ट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाये जा सकें।
रिपोर्ट- असकरी जाफरी स्वतंत्र पत्रकार