बिजनौर में सरकारी स्वास्थ विभाग की लापरवाही का आलम उस वक्त देखने को मिला जब लाखों रुपए की सरकारी दवाइयां कूड़े के ढेर पर पड़ी मिली अगर समय रहते दवाइयां एक्सपायर न होती तो कंपनी को वापस कर दी जाती और सरकारी खजाने की बर्बादी ना होती,
करोड़ों रुपए की लागत से बना ये है पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला संयुक्त चिकित्सालय बिजनौर का सरकारी अस्पताल जहां पर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से लाखों रुपए की दवा को कूड़े के ढेर में खुला फेंक दिया गया।
भले ही सरकारी दवा जून के महीने में एक्सपायर होनी हो लेकिन दवा को कूड़े के ढेर में फेंकने की बजाय बल्कि उसे यानी गहरे गड्ढे में दबाना चाहिए था साथ ही खुले में सड़क किनारे पड़ी दवाई को आवारा पशु भी सेवन कर सकते हैं जिसकी वजह से दवा खाने से पशु की मौत भी हो सकती है
खबर मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद सीएमओ के हाथ पाँव फूल गए कैमरे के सामने दूसरे की गलती बता कर अपनी बात से पल्ला झाड़ते नजर आए।
वहीं स्थानीय निवासी की मानें तो सरकारी डॉक्टर ज्यादातर अस्पताल में गरीब मरीजों को बाहर की दवा लिखते हैं अगर स्वास्थ्य विभाग के नाकारा अफसर समय रहते दवा कंपनी को वापस कर देते तो लाखों रुपए के सरकारी खजाने की यू बर्बादी ना होती साथ ही गरीब मरीजों को मुफ्त में दवा भी मुहैया हो जाती
बिजनौर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही से कुड़े में पहूंची लाखो की दवा.. आप यह पूरी रिपोर्ट हमारे यू टयूब चैनल पर देख सकते हैं
बिजनौर से तुषार वर्मा की रिपोर्ट
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